झींझक : 110 हिंदू और 1 मुस्लिम जोड़े बने हमसफर, सामाजिक समरसता की मिसाल
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले के डेरापुर तहसील स्थित झींझक कस्बे में रविवार को एक ऐतिहासिक सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया।

- सामूहिक विवाह समारोह का सफल आयोजन: 111 जोड़ों ने एक साथ रचाई अपनी नई ज़िंदगी
- नगर पालिका अध्यक्ष अमित तिवारी ने किया समारोह का शुभारंभ, बाराती बनकर दिया आशीर्वाद
- रामलीला मैदान में भव्य आयोजन, 135 जोड़ों ने कराया था पंजीकरण
- गृहस्थी का सामान और विवाह प्रमाण पत्र भी दिए गए
झींझक, कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले के डेरापुर तहसील स्थित झींझक कस्बे में रविवार को एक ऐतिहासिक सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में 111 जोड़ों ने एक साथ विवाह बंधन में बंधकर नई जिंदगी की शुरुआत की।
रामलीला मैदान में आयोजित हुआ भव्य समारोह:
रामलीला मैदान में आयोजित इस भव्य समारोह का शुभारंभ झींझक नगर पालिका के अध्यक्ष अमित तिवारी ने फीता काटकर किया। कार्यक्रम में कुल 135 जोड़ों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से 111 जोड़े (110 हिंदू और 1 मुस्लिम) विवाह के पवित्र बंधन में बंधे। विवाह समारोह में पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सभी धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन किया।
अधिकारियों ने निभाई बाराती की भूमिका:
समारोह की खास बात यह रही कि नगर पालिका अध्यक्ष और अन्य अधिकारियों ने बाराती बनकर नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर सभी जोड़ों को गृहस्थी का सामान भी भेंट किया गया। कार्यक्रम के समापन पर अध्यक्ष ने सभी नवविवाहित जोड़ों को विवाह प्रमाण पत्र वितरित किए।
सामाजिक समरसता का प्रतीक:
यह आयोजन सामाजिक समरसता का एक बेहतरीन उदाहरण बनकर सामने आया, जहां विभिन्न धर्मों के लोगों ने एक साथ विवाह बंधन में बंधकर नई जिंदगी की शुरुआत की। इस सामूहिक विवाह समारोह ने न केवल 111 जोड़ों को एक नई शुरुआत दी, बल्कि समाज में एकता और समरसता का भी संदेश दिया।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना:
यह सामूहिक विवाह समारोह मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत आयोजित किया गया था। इस योजना का उद्देश्य गरीब और असहाय परिवारों की बेटियों के विवाह में मदद करना है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा विवाह का खर्च उठाया जाता है और नवविवाहित जोड़ों को गृहस्थी का सामान भी दिया जाता है।
इस सामूहिक विवाह समारोह के सफल आयोजन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सरकार और समाज मिलकर ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से गरीब और असहाय लोगों की मदद कर सकते हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
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