राजेश कटियार, कानपुर देहात। टीचर्स सेल्फ केयर टीम (टीएससीटी) कानपुर देहात के तत्वाधान में जिला संयोजक ललित कुमार त्रिवेदी के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने प्रदेश सरकार की महिला कल्याण, बाल विकास पुष्टाहार राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय से मुलाकात कर टीएससीटी की जानकारी दी। इस दौरान मंत्री व बीएस को सम्मान प्रतीक-स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। टीएससीटी के प्रतिनिधिमंडल ने मंडल स्तरीय खेल प्रतियोगिता में उपस्थित सभी अधिकारियों एवं शिक्षकों को टीएससीटी के बारे में विस्तार से चर्चा की, वह इस योजना से बहुत प्रभावित हुए। साथ ही उनके जो भी प्रश्न थे उनको भी टीम ने बहुत ही सहज भाव से एक-एक कर विस्तृत रूप से समझाया। जिला सह संयोजक ललित कुमार ने बताया कि आये दिन सुनते रहते है कि फला जिले के शिक्षक का एक्सीडेंट हो गया मृत्यु हो गई, हम सब दु:ख जता देते है और अपने जीवन मे व्यस्त हो जातें।
जब परिवार की स्थिति देखते है तो मन विचलित हो उठता है कि विभाग की तरफ से कुछ नही मिलेगा क्योंकि बीमा बन्द है, पेंशन बन्द है। इन सभी की मांग शिक्षकों द्वारा तथा शिक्षक संघो द्वारा समय समय पर होती रहीं हैं पर अफसोस आज तक लागू न हो पाया। टीएससीटी का उद्देश्य किसी शिक्षक के साथ कुछ अनहोनी होने पर पूरी पारदर्शिता के साथ मदद करना है। टीएससीटी के माध्यम से अब तक हजारों लोगों की करोड़ो रुपए से मदद की जा चुकी है। राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने टीचर्स सेल्फ केयर के सहयोग एवं कल्याण भावना को देख जमकर तारीफ की, उन्होंने कहा टीएससीटी शिक्षक समाज के लिए प्रेरणा स्रोत का कार्य कर रहा है। बीएसए ने टीएससीटी के कार्यों की भरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि आज के इस भागदौड़ भरी जिंदगी में कोई किसी की मदद नहीं करता है। मगर टीएसटीसी सरकारी कर्मचारियों में एक नई उमंग भरने का काम करेंगा।
क्या है टीचर्स सेल्फ केयर-
पुरानी पेंशन और सामूहिक जीवन बीमा से वंचित परिषदीय शिक्षकों ने अनूठी पहल करते हुए जनपद में खुद सेल्फ केयर टीम का गठन किया है। टीम का उद्देश्य किसी भी शिक्षक की असमय मृत्यु होने पर उसके बेसहारा परिवार को आर्थिक मदद प्रदान करना है। टीचर सेल्फ केयर टीम में प्रदेश भर के बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक शामिल हैं। इस संगठन से जुड़े प्रति शिक्षक से मात्र 30 रूपये की छोटी सी धनराशि एकत्र कर 50 लाख की अभूतपूर्व मदद की जाती है। प्रदेश के किसी भी जनपद में किसी शिक्षक की मृत्यु होने पर उसके परिवार को आर्थिक मदद उपलब्ध कराने का ये टीम काम करती है। शिक्षक की मृत्यु का समाचार आने पर पहले पुष्टि विभागीय अधिकारियों से की जाती है। इसके बाद टीम से जुड़े संबंधित जिले के शिक्षक इस बारे में जानकारी जुटाते हैं। विभाग द्वारा घोषित शिक्षक के आश्रित को मदद पहुंचाने का काम किया जाता है। धनराशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है।
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