कानपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि टेक्नोलॉजी मानव जाति के लिए एक वरदान है, और इसका उपयोग मानवता तथा देश के हित में होना चाहिए। उन्होंने आईआईटी कानपुर के गौरवशाली इतिहास की सराहना करते हुए कहा कि पिछले 60 वर्षों में संस्थान ने देश में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया है। मुख्यमंत्री मंगलवार को आईआईटी कानपुर में आयोजित उद्योग-अकादमिक जुड़ाव कार्यक्रम ‘समन्वय’ में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
कार्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा और सस्टेनेबिलिटी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। मुख्यमंत्री ने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे अपने मुनाफे का एक बड़ा हिस्सा इनोवेशन, रिसर्च और डेवलपमेंट में निवेश करें। उन्होंने आईआईटी कानपुर से भारत का पहला ‘डीप टेक भारत-2025’ विकसित करने की दिशा में पहल करने का आह्वान किया और इसके लिए गौतम बुद्ध नगर में आवंटित जमीन का भी जिक्र किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वर्ष 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य आत्मनिर्भरता से ही संभव है। उन्होंने कहा कि कृषि से लेकर टेक्नोलॉजी तक, हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और अगले दो वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इस लक्ष्य को हासिल करने में यहां मौजूद छात्र-छात्राओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 8 वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों से प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और हर क्षेत्र में नए मानक स्थापित किए हैं।
मुख्यमंत्री ने आईआईटी कानपुर की क्वांटम कंप्यूटिंग सहित विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने बताया कि गणितज्ञ कर्माकर को संस्थान से जोड़ने का प्रयास चल रहा है, जो क्वांटम कंप्यूटर से भी बेहतर कंप्यूटर बनाने की क्षमता रखते हैं।
उन्होंने कोरोना कालखंड का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय प्रो. मणींद्र अग्रवाल द्वारा दिए गए मैथमेटिकल डायग्राम ने कोविड नियंत्रण में सरकार की काफी मदद की थी। उन्होंने कहा कि अब साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में आईआईटी कानपुर से विशेष सहयोग की अपेक्षा है। उन्होंने बताया कि पहले प्रदेश में सिर्फ दो साइबर थाने थे, लेकिन अब हर जिले में एक साइबर थाना और 1583 थानों में साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा देश की पहली विधानसभा है, जिसने सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) पर लगातार 36 घंटे चर्चा की थी। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के परिणामस्वरूप प्रदेश में 6 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठकर बेहतर जीवन जी रहे हैं। उन्होंने बुंदेलखंड का उदाहरण देते हुए कहा कि जो क्षेत्र कभी सूखाग्रस्त और डकैतों का गढ़ था, आज वहां बेहतरीन कनेक्टिविटी और निवेश आ रहे हैं, जिससे किसानों की आय में 10 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है।
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 8 वर्षों में 240 करोड़ पौधे लगाकर उत्तर प्रदेश ने अपने फॉरेस्ट कवर को बढ़ाया है, जिसे फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ने भी स्वीकार किया है।
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