डिप्लोमा इन फार्मेसी छात्रों की एग्जिट परीक्षा फिलहाल टली, होगा बड़ा बदलाव
डिप्लोमा इन फार्मेसी पास छात्रों के लिए पंजीकरण से पूर्व एग्जिट परीक्षा की व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। इस संबंध में फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रस्ताव भेजा है जिसमें एग्जिट परीक्षा में तब्दीली का प्रस्ताव है।

- नवंबर के बाद होगी डिप्लोमा इन फार्मेसी छात्रों की एग्जिट परीक्षा
- गुणवत्ता सुधारने के लिए भारत सरकार ने डिप्लोमा इन फार्मेसी एग्जिट एग्जाम किया लागू
- साल में दो बार होगी परीक्षा, उत्तीर्ण होने के लिए न्यूनतम 50 फीसदी लाने होंगे अंक
कानपुर देहात,अमन यात्रा : डिप्लोमा इन फार्मेसी पास छात्रों के लिए पंजीकरण से पूर्व एग्जिट परीक्षा की व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। इस संबंध में फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रस्ताव भेजा है जिसमें एग्जिट परीक्षा में तब्दीली का प्रस्ताव है। फिलहाल नवंबर में प्रस्तावित एग्जिट परीक्षा अब कुछ और दिनों तक टल गई है।
डिप्लोमा इन फार्मेसी उत्तीर्ण छात्रों को पंजीकरण के पूर्व एक एग्जिट एग्जामिनेशन देना आवश्यक हो गया है। यह परीक्षा नवंबर में प्रारंभ होने वाली थी। इसमें कुल तीन पेपर थे। फार्मेसी काउंसिल ने छात्रों पर आर्थिक व बड़ी प्रशासनिक कठिनाइयों को देखते हुए इसमें संशोधन का प्रस्ताव रखा है। फार्मेसिस्ट फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल के पूर्व चेयरमैन सुनील यादव ने बताया कि काउंसिल की 371 वीं एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक आठ अगस्त को हुई थी। इसमें रेगुलेशन में बदलाव करने का फैसला हुआ है।
तीन के बजाए एक पेपर
फार्मेसी काउंसिल के पूर्व चेयरमैन ने बताया कि अब एग्जिट परीक्षा में तीन के बजाए सिर्फ एक ही पेपर होगा। बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे। फार्मास्यूटिक्स, फार्माकोलॉजी, फार्माकोग्नोसी, फार्मास्यूटिकल केमिस्ट्री, बायो केमिस्ट्री, हॉस्पिटल एंड क्लीनिकल फार्मेसी, फार्मास्यूटिकल जूरिप्रूडेंस, ड्रग स्टोर एंड मैनेजमेंट विषयों से प्रश्न बनाए जाएंगे जो अंग्रेजी में होंगे। तीन घंटे की परीक्षा होगी। छात्रों को पास होने के लिए 50 फीसदी अंक लाने अनिवार्य होंगे।
तीन माह में तय होगी दिशा
छात्रों के लिए एग्जिट एग्जामिनेशन में सम्मिलित होने की कोई अधिकतम सीमा नहीं होगी। पूर्व चेयरमैन सुनील के मुताबिक लगभग दो लाख अभ्यर्थियों को लगातार तीन दिन तक परीक्षा कराना बड़ी प्रशासनिक चुनौती होगी। छात्रों को आर्थिक बोझ से बचाने के लिए संशोधन का प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव पर तीन महीने में विचार आमंत्रित किए गए हैं। इसके बाद एग्जिट परीक्षा की दिशा तय होगी।
फार्मासिस्ट राजेश बाबू कटियार का कहना है कि केंद्र सरकार ने फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए एक अधिसूचना जारी की थी कि डिप्लोमा इन फार्मेसी परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवारों को रजिस्ट्रेशन के लिए एग्जिट एग्जाम देनी होगी। परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही उम्मीदवार को स्टेट फार्मेसी काउंसिल में फार्मासिस्ट के रूप में पंजीकृत किया जाएगा। अधिसूचना में यह परीक्षा साल में दो बार आयोजित करने की बात कही गई थी, लेकिन सरकार एक भी बार परीक्षा करवा पाने में सफल होती नहीं दिख रही है ऐसा इसलिए है क्योंकि अधिकारियों ने परीक्षा पैटर्न सही से तैयार नहीं किया। उन्होंने कहा एग्जिट एग्जाम में सिर्फ एक ही पेपर करवाया जाना चाहिए जिसमें कि सभी प्रश्न बहुविकल्पी होने चाहिए। परीक्षा ओएमआर शीट पर होनी चाहिए ताकि उसमें किसी भी प्रकार का कोई हेरफेर न किया जा सके और परीक्षा परिणाम जल्द से जल्द जारी हो सके।
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