डीएफसी ट्रैक पर मालगाड़ी से कटकर भाई-बहन की मौत
टूंडला से कानपुर के बीच बने डेडिकेटेड फ्रेट कारीडोर ट्रैक पर गुरुवार की सुबह भाई-बहन के शव पड़े मिलने से ग्रामीणों में सनसनी फैल गई। सिसहाट के पास ट्रैक मालगाड़ी से कटकर भाई-बहन की मौत होने की बात कही जा रही है। वहीं घटना को लेकर ग्रामीणों तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं। पुलिस ने भी हर बिंदु पर जांच शुरू कर दी है। दोनों की पहचान के बाद स्वजन से भी पूछताछ की जा रही है, फिलहाल अभी घटना को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है।

इटावा, अमन यात्रा ब्यूरो । टूंडला से कानपुर के बीच बने डेडिकेटेड फ्रेट कारीडोर ट्रैक पर गुरुवार की सुबह भाई-बहन के शव पड़े मिलने से ग्रामीणों में सनसनी फैल गई। सिसहाट के पास ट्रैक मालगाड़ी से कटकर भाई-बहन की मौत होने की बात कही जा रही है। वहीं घटना को लेकर ग्रामीणों तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं। पुलिस ने भी हर बिंदु पर जांच शुरू कर दी है। दोनों की पहचान के बाद स्वजन से भी पूछताछ की जा रही है, फिलहाल अभी घटना को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है।
जसवंतनगर के सिसहाट गांव में रहने वाले सज्जन लाल उर्फ संजय का 15 वर्षीय बेटा नितेश और 17 वर्षीया बेटी अंजू गुरुवार की सुबह खेत पर जाने की बात कहकर घर से निकले थे। कुछ देर बाद स्वजन को भाई-बहन के शव डेडिकेटेड फ्रेट कारीडोर ट्रैक पर पड़े होने की सूचना मिली। स्वजन और ग्रामीण तत्काल ट्रैक पर पहुंचे और शवों को देखते ही कोहराम मच गया। ग्रामीणों के अनुसार सुबह खेत जाने के लिए निकले भाई बहन रेलवे ट्रैक पार कर रहे थे। इस दौरान कानपुर की ओर जा रही मालगाड़ी की चपेट में आने से भाई-बहन की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस पहुंच गई।
कस्बा पुलिस चौकी इंचार्ज नगेन्द्र सिंह ने शव कब्जे में लेकर स्वजन व ग्रामीणों से पूछताछ शुरू की। साथ ही जांच और कार्रवाई की शुरू की है। हादसे की जानकारी के बाद गांव में मातम पसर गया और स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल था। ग्रामीणों ने बताया कि सज्जन लाल के पांच संतानें हैं। इसमें तीन पुत्रियां व दो पुत्र हैं, सबसे बड़ा बेटा दिल्ली में रहकर नौकरी करता है। नितेश कक्षा 9 में पढ़ता था और अंजू बीए प्रथम वर्ष की छात्रा
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