कानपुर

महामंडलेश्वर श्रीकृष्ण दास को जगन्नाथ मंदिर से किया बाहर, जितेंद्र दास ने किया मालिकाना हक का दावा

भगवान जगन्नाथ मंदिर बाईजी में दर्शन को पहुंचे महामंडलेश्वर और महंत श्रीकृष्ण दास महाराज को महामंडलेश्वर जितेंद्र दास महाराज ने मंदिर से बाहर कर दिया।

Story Highlights
  • पूजन दिवस पर विवाद को लेकर भक्तों ने भी रोष जताया है, वहीं अब प्रशासन भी हस्तक्षेप करके वार्ता कर रहा है।

कानपुर,अमन यात्रा । भगवान जगन्नाथ मंदिर बाईजी में दर्शन को पहुंचे महामंडलेश्वर और महंत श्रीकृष्ण दास महाराज को महामंडलेश्वर जितेंद्र दास महाराज ने मंदिर से बाहर कर दिया। इससे असहज हालात बन गए, महामंडलेश्वर श्रीकृष्ण दास महाराज सीधे बादशाही नाका थाने पहुंचकर बैठ गए। पूजन दिवस पर विवाद को लेकर भक्तों ने भी रोष जताया है, वहीं अब प्रशासन भी हस्तक्षेप करके वार्ता कर रहा है। जितेंद्रदास का कहना है कि मंदिर का मालिकाना हक उनके नाम है और वे अन्य किसी महंत और पुजारी को सिर्फ पूजन करने की अनुमति दे सकते हैं।

प्रतिवर्ष मंदिर में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के दिन दोनों महंतो द्वारा विधि-विधान से पूजन अर्चन किया जाता रहा। सोमवार को पूजन के लिए पहुंचे महामंडलेश्वर और महंत श्रीकृष्ण दास महाराज को उस समय असहज स्थिति का सामना करना पड़ा जब जितेंद्रदास महाराज ने उन्हें मंदिर से बाहर निकाल दिया। मंदिर से अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए बाहर किए जाने का आरोप लगाते हुए महामंडलेश्वर श्री कृष्णदास महाराज बादशाही नाका पुलिस थाने में जाकर बैठ गए हैं। उनका कहना है कि महामंडलेश्वर जितेंद्र दास धर्म के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, इससे आस्था को चोट पहुंच रही है।

उन्होंने कहा कि अगर पुलिस और प्रशासन की तरफ से कार्यवाही नहीं की गई तो शहर के संतो के साथ अनशन करने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने बादशाही नाका थाने में विवाद को लेकर प्रार्थना पत्र भी दिया है। वहीं दूसरी ओर महामंडलेश्वर जितेंद्र दास महाराज का कहना है कि मंदिर का मालिकाना हक उनके नाम है और बिजली के बिल समेत अन्य दस्तावेज में गुरु का नाम दर्ज है। वह मंदिर में पूजन से किसी को नहीं रोकेंगे लेकिन दानपात्र पर किसी का अधिकार नहीं होने देंगे। बताते चलें कि नगर निगम में दोनों महंतों द्वारा सहमति पत्र पिछले कई वर्षों पहले लगा दिया गया था। भगवान जगन्नाथ मंदिर में विशेष पूजन अर्चन के दिन विवाद को लेकर क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश है, उनका कहना है कि इससे आस्था को चोट पहुंचाई जा रही है।

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Author: aman yatra


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