तकनीकी ने भाषायी बाधा को तोड़ने का कार्य किया : संजय कुमार
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा ‘‘तकनीक और हिन्दी क्षितिज का विस्तार’’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की प्रेरणा से आयोजित इस संगोष्ठी में संजय कुमार प्रबंधक, राजभाषा, भारतीय रिजर्व बैंक, कानपुर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।
- सीएसजेएमयू के पत्रकारिता विभाग में ‘‘तकनीक और हिन्दी क्षितिज का विस्तार’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित
कानपुर, अमन यात्रा । छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा ‘‘तकनीक और हिन्दी क्षितिज का विस्तार’’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की प्रेरणा से आयोजित इस संगोष्ठी में संजय कुमार प्रबंधक, राजभाषा, भारतीय रिजर्व बैंक, कानपुर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने कहा की टेक्नॉलॉजी ने एक भाषा का ज्ञान रखने वाले लोगों को कई भाषाओं में कार्य करने की सुविधा प्रदान की है। प्रौद्योगिकी ने हिन्दी में काम करने के लिए वैश्विक राह तैयार की है। साथ ही हिन्दी में काम करने वालों में आत्मविश्वास को भी बढ़ाया है। कुमार ने कहा कि हिन्दी को अधिक लोकप्रिय बनाने तथा इसकी प्रसिद्धि में सोशल मीडिया ने व्यापक भूमिका है। इंटरनेट ने हिन्दी के वैश्वीकरण तथा ऑनलाइल माध्यमों ने हिन्दी भाषा को जन-जन तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया है।
दीन दयाल सभागार में आयोजित इस संगोष्ठी में डॉ. जितेंद्र डबराल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि कई ऐसे software है जिन्होंने, अन्य भाषा में काम करने वाले लोगों का हिन्दी भाषा में काम करना सहज किया है। इसके फलस्वरुप हिन्दी हर वर्ग की भाषा बनती जा रही है। नई शिक्षा नीति-2020 ने भी तकनीकि शिक्षा हिन्दी में लेने का प्रावधान कर छात्रों के लिए कई अवसर प्रदान किये है।
मीडिया प्रभारी डॉ. विशाल शर्मा ने कहा कि इस संगोष्ठी के माध्यम से छात्रों को हिन्दी भाषा के अनुप्रयोगों को जानने का अवसर प्राप्त हुआ है। कार्यक्रम संयोजक डॉ. ओमशंकर गुप्ता ने बताया कि तकनीक का इस्तेमाल करते हुए हमें सावधानी बरतने की आवश्यकता है। विभागाध्यक्ष डॉ. योगेंद्र पाण्डेय ने अंत में सभी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि हिन्दी की लोकप्रियता और बढ़ाने के लिए हिन्दी भाषी लोगों को अपनी भाषा में बोलते हुए स्वयं को हमेशा गौरवान्वित महसूस करना चाहिए। जब हम अपनी भाषा का सम्मान करेंगे, तभी दुनिया उसे तरजीह देगी।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. दिवाकर अवस्थी ने किया। इस कार्यक्रम में डॉ. रश्मि गौतम, प्रेम किशोर शुक्ला, सागर कनौजिया, शुभा सिंह, रोहित, आदित्य सिंह, रतन कुशवाहा समेत पत्रकारिता विभाग के छात्र-छात्राएं मौजूद रहें।