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अरविंद केजरीवाल का कहना है कि उन्होंने पराली जलाने वाले किसानों से इस बारे में बात की है और उन किसानों का कहना है कि उनके राज्य की सरकारों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जिस वजह से वह पराली जलाने को मजबूर हैं. इसके साथ ही केजरीवाल ने बताया कि पराली जलाए जाने से किसानों की जमीन की उर्वरक क्षमता भी काफी घट जाती है. पराली जलाने से मिट्टी में पाए जाने वाले जरूरी बैक्टीरिया भी जल कर मर जाते हैं. जिससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता कम हो जाती है.
केजरीवाल ने पराली जलाए जाने के संबंध में उपाय निकालने पर कहा है कि इसका समाधान निकाल लिया गया है. जल्द ही दिल्ली को पराली जलाए जाने के कारण बढ़ रहे प्रदूषण से परेशान नहीं होना पड़ेगा. उनका कहना है कि उषा इंस्टिट्यूट ने एक ऐसा केमिकल का निर्माण करने में सफालता पाई है. जिसके छिड़काव से पराली को कुछ ही दिनों में खाद में बदला जा सकता है.
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