दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने की राह होगी आसान
दिव्यांग बच्चों को शिक्षा देने के लिए सरवनखेड़ा बीआरसी कार्यालय परिसर में नोडल शिक्षकों को पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया

- शिक्षकों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न
राजेश कटियार, कानपुर देहात। दिव्यांग बच्चों को शिक्षा देने के लिए सरवनखेड़ा बीआरसी कार्यालय परिसर में नोडल शिक्षकों को पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया जिसमें समेकित शिक्षा के 86 नोडल शिक्षकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। बता दें दिव्यांग बच्चों की प्रतिभा निखारने व बेहतर विकास के लिए परिषदीय स्कूलों के हेड मास्टर को नोडल बनाया गया है। अब विशेष शिक्षकों के साथ स्कूल के प्रधानाध्यापक भी दिव्यांग बच्चों को शिक्षा देंगे। दिव्यांग बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा के लिए ट्रेनिंग मिल जाने के बाद अब दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने में आने वाली समस्याएं दूर होंगी क्योंकि दिव्यांग बच्चों से संबंधित विकलांगता की स्थिति में प्रयोग किए जाने वाले साधनों और विधियों के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है।
संदर्भदाता सुरसरी प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि दिव्यांग बच्चों को पढ़ाते समय ब्रेल लेखन के दौरान उसे सीधे बैठाएं और सही ऊंचाई पर स्लेट रखकर हाथ व हथेली रखने की सही स्थिति के बारे में बताएं ताकि वह आसानी से ब्रेल लेखन कर सके। उन्होंने बताया कि ब्रेल लेखन में स्वर और व्यंजनों के लिए पृथक-पृथक निर्धारित बिंदु चिह्न प्रदान किए जाते हैं। उन्हें पूर्ण रूप से स्वतंत्र इकाई के रूप में शब्दों और वाक्यों में प्रयोग किया जाता है।
इस स्थिति में अक्षर और मात्राओं को केवल उनके क्रम में उच्चारण के आधार पर निर्धारित किया जाना चाहिए ताकि बच्चे आसानी से पढ़ाई कर सके। संदर्भदाता सुरसरी पाण्डेय ने यह भी बताया कि ब्रेल लिपी दायी से बायीं ओर लिखी जानी चाहिए। लिखते समय लेखन उपकरण से लेखक को पूर्ण रुप से परिचित होना आवश्यक है। सभी प्रकार के विराम चिह्नों को लिखने के लिए उनका प्रयोग वाक्य या शब्दों के साथ जहां हो रहा हो उसी प्रकार बिना खाली स्थान छोड़े उस वाक्य के शब्द के पहले या बाद में अंकित किया जाना चाहिए। सन्दर्भदाता अभिषेक शुक्ला ने मूक बधिर बच्चो को पढ़ाने हेतु नोडल शिक्षकों को साइन लैंग्वेज की जानकारी दी। संदर्भदाता सुनैना वर्मा ने नोडल शिक्षकों को समावेशी शिक्षा के अन्तर्गत दिव्यांग बच्चों हेतु शिक्षा की प्रविधियां एवं दिव्यांगजन की शिक्षा में सूचना तथा संप्रेषण तकनीकी की विस्तार से जानकारी दी।
प्रशिक्षण में दिव्यांग बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति और उनके विद्यालय में ठहराव के लिए आवश्यक सुझावों पर भी चर्चा की गई। इस दौरान अभिषेक द्विवेदी, सुनील गुप्ता, प्रभा शुक्ला, प्रतिभा यादव, दीप्ती कटियार, सुरेश गुप्ता, अर्चना पांडे, दिव्यानी पांडे, पवन कटियार, अजय तिवारी, अनीता, सुनीता दीक्षित, रीतू गुप्ता, अश्वनी कुमार, आलोक दीक्षित, प्रतिभा कटियार, अंजू सचान, राखी, बृजेंद्र स्वरूप, योगेंद्र, विनय शर्मा, मनु, रामेंद्र, मनोज दीक्षित आदि मौजूद रहे।
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