किशोरी ने दारोगा पर लगाया था बयान बदलने का आरोप

सहजनवां क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली किशोरी ने आरोप लगाया था कि पड़ोस के ही युवक ने अपहरण कर साथियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। दुष्कर्म के दौरान एक आरोपित की बहन भी साथ निभाया। 20 जनवरी को पुलिस ने पीडि़ता की पिता की तहरीर पर पंचम, विजय, अयोध्या तथा पूजा पता अज्ञात के खिलाफ अपहरण व दुष्कर्म का केस दर्ज किया और बाद में दुष्कर्म की धारा जांच में बढ़ा दी गई।

मुख्य आरोपित गिरफ्तार होकर जेल जा चुका है। पीडि़ता का आरोप था कि थाने के दारोगा बालेंद्र प्रताप सिंह उस पर बयान बदलने का दबाव बना रहे थे। मना करने पर उसे मारा पीटा गया।

पीडि़त ने थाने पर किया था हंगामा

किशोरी ने इसे लेकर बीते नौ मार्च को थाने में हंगामा भी किया था। दैनिक जागरण ने भी इस मामले को गंभीरता से प्रकाशित किया था। किशोरी के आरोपों के बाद एसएसपी ने मामले की जांच एसपी नार्थ को दे दी थी। एसपी नार्थ की जांच में पीडि़ता की शिकायतें सही पाई गईं। दारोगा पीडि़ता पर बयान बदलने के लिए दबाव डाल रहे थे। एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने जांच रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए उपनिरीक्षक बालेंद्र प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया।

 

बलिया जिले के रसड़ा कोतवाली व कस्बा निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस अधीक्षक उत्तरी को प्रार्थना पत्र देकर पुलिस लाइन के एक सिपाही आरोप लगाया हे कि वह उसकी बेटी को अपने साथ रख रहा है, लेकिन शादी से आना-कानी कर रहा है। पुलिस अधीक्षक उत्तरी को दिये गए प्रार्थना पत्र में व्यक्ति ने कहा कि रसड़ा में रहने के दौरान सिपाही का उसकी पुत्री से प्रेम हो गया। दोनों एक साथ पति-पत्नी की भांति रहते हैं। युवती के पिता का कहना है कि इस रिश्ते की कोई अहमियत नहीं है। डर यह है कि  सिपाही ने यदि उसकी पुत्री को बाद में छोड़ दिया तो वह कहीं की नहीं रहेगी। एसपी नार्थ ने कहा कि दोनों पक्षों को बुलाकर पूछताछ की जाएगी।