आदित्यः प्रथमं नाम, द्वितीयं तु दिवाकरः
तृतीयं भास्करं प्रोक्तं, चतुर्थं च प्रभाकरः
पंचमं च सहस्त्रांशु, षष्ठं चैव त्रिलोचनः
सप्तमं हरदिश्वश्च, अष्टमं च विभावसुः
नवमं दिनकृत प्रोक्तं, दशमं द्वादशात्मकः
एकादशं त्रयीमूर्त्तिर्द्वादशं सूर्य एव च
द्वादशैतानि नामानि प्रातःकाले पठेन्नरः
दुःस्वप्ननाशनं सद्यः सर्वसिद्धि प्रजायते
सूर्य की यह स्तुति दुःस्वप्नों के प्रभाव को उसी प्रकार नष्ट कर देती है जिस प्रकार सूर्य अंधकार नष्ट करता है. आकाश में फैले उजाले के समान यह स्तुति आशंकाओं से मुक्त कर आशाओं का संचार करती है.
कानपुर देहात के थाना मंगलपुर क्षेत्र के रहने वाले अजय दिवाकर की हत्या कर शव…
कानपुर देहात: जिलाधिकारी आलोक सिंह के कुशल नेतृत्व में जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में…
संदलपुर, कानपुर देहात। संदलपुर ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम हिसावाँ में प्रति वर्ष की भांति इस…
पुखरायां। विकास खण्ड मलासा के प्राथमिक विद्यालय हारामऊ और हांसेमऊ में बुधवार को प्रतिभा अलंकरण…
कानपुर देहात। सिकंदरा थाना क्षेत्र के इंगवारा में नवरात्रि माता रानी के जवारे बोये गई…
संदलपुर कानपुर देहात।ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम पंचायत खालागांव में चैत्र नवरात्रि में गांव के बद्दलुप्रसाद…
This website uses cookies.