रोचक कहानीजरा हटके

जर्मनी के प्रचलित शहरों में से एक कोलोन

जर्मनी के प्रमुख शहरों में से एक कोलोन में जमीन पर तो अब रोम साम्राज्य के अधिक अवशेष दिखाई नहीं देते हैं परंतु जमीन के तले आज भी रोम साम्राज्य के प्रभुत्व के प्रमाण मौजूद हैं।

जर्मनी के प्रमुख शहरों में से एक कोलोन में जमीन पर तो अब रोम साम्राज्य के अधिक अवशेष दिखाई नहीं देते हैं परंतु जमीन के तले आज भी रोम साम्राज्य के प्रभुत्व के प्रमाण मौजूद हैं। एक सीढ़ी की मदद से नीचे उतरने पर रहस्यमयी अंधेरे से घिरे दूसरी सदी की एक कब्रगाह तक पहुंचा जा सकता है।


विभिन्न पौराणिक जीवों की आकृतियों से सजा एक विशाल ताबूत यहां दिखाई देता है।इसका ढक्कन हटाया गया है जिसके भीतर झांकने पर सारा डर दूर हो जाता है क्योंकि इसमें कोई भयावह चीज नहीं बल्कि दो कुर्सियां रखी दिखाई देती हैं। पहली नजर में ये कुर्सियां आजकल की आम कुर्सियां जैसी प्रतीत होती हैं परंतु ध्यान से देखने पर इनका महत्व महसूस होने लगता है क्योंकि इन कुर्सियों को बेहद कलात्मक ढंग से चूना पत्थर से करीब 1800 वर्ष पहले तैयार किया गया था।


इन भूमिगत हिस्सों में सब कुछ बेहद प्राचीन है। बेशक कई सौ वर्ष पूर्व कोलोन वासी रोम साम्राज्य से आजाद हो गए थे और जमीन से तो इसके अधिकतर अवशेष हटा दिए गए परंतु जमीन के नीचे आज भी कोलोनिया क्लाऊडिया अरा एग्रीप्पिनेनसियम (वह उपनिवेश जिससे यह नगर विकसित हुआ) के अवशेष बाकी हैं। गवर्नर के महल प्रायटोरियम का पता ही नहीं चलता यदि द्वितीय विश्व युद्ध में कोलोन शहर का मध्य हिस्सा तबाह न हुआ होता।


आज पर्यटक इस महल के अवशेषों की सैर कर सकते हैं जो सोमवार को छोड़ कर सप्ताह के बाकी दिन खुला रहता है।इसके ठीक साथ प्राचीन गटर है।रोमन 100 किलोमीटर दूर एफिल पहाडिय़ों से ताजा पानी कोलोन तक लाए थे जबकि गंदे पानी की निकासी वे राइन नदी में करते थे। इसके लिए जिस तकनीक का इस्तेमाल प्राचीन रोमन करते थे उसका पता अन्यों को 19वीं सदी में जाकर लगा था।


इस जर्मन शहर में रोम साम्राज्य के कई नए अवशेषों का भी पता चलता रहा है, विशेषकर भूमिगत रेलवे के लिए की जाने वाली खुदाई के चलते कई अवशेषों का पता चल रहा है।हालांकि शहर के भीतरी हिस्से में रहने वाले किसी भी इंसान को प्राचीन अवशेषों का पता चल सकता है।1965 में एक व्यक्ति को अपने घर के बेसमैंट की खुदाई में कुछ पत्थरों से बने हिस्से मिले थे जो एक प्राचीन स्मारक निकला।आज यह रोमन-जर्मेनिक म्यूजियम की शोभा बढ़ा रहा है।इससे पहले 1941 में भी एक बंकर की खुदाई के दौरान एक खोज हुई थी।


तब भगवान डाइओनीसोस का एक मोजायक मिला था जिसमें 15 लाख टाइल्स लगी थीं। यदि आप जानना चाहें कि प्राचीन रोम वासी किस तरह से स्पा का आनंद लिया करते थे तो आपको कोलोन से निकल कर करीब स्थित जुएलपिच कस्बे तक जाना होगा। वहां म्यूजियम ऑफ बैथ कल्चर में प्राचीन रोम के स्नानागारों के संरक्षित अवशेष सहेज कर रखे गए हैं। संग्रहालय में मॉडल्स बना कर रोम कालीन स्नानागारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। गहरे रंग में रंगे स्नानागारों में कपड़े बदलने के लिए लॉकर रूम बने हैं।


स्वीटिंग या हॉट बैथ में स्नान करने से पहले शरीर पर तेल लगाया जाता था या मालिश करवाई जाती थी। फिर करीब 40 डिग्री तक गर्म पानी में स्नान किया जाता था। बाद में वे ठंडे पानी में नहाते थे। स्नानागारों में केश विन्यासक, चिकित्सक तथा रसोइए भी मेहमानों की सेवा में मुस्तैद रहते थे। स्नानागारों के नीचे गुलाम लगातार आग जला कर रखते थे जिसकी ऊष्मा फर्श तथा दीवारों बने छिद्रों से होकर स्नानागार तक पहुंचती रहती थी।



जब आग के लिए लकड़ी पाने के लिए आस-पास के जंगलों के पेड़ों को काट कर खत्म कर दिया गया तो प्राचीन रोम वासी ब्लैक फॉरैस्ट से लकड़ी काट कर राइन नदी के रास्ते कोलोन तक पहुंचाने लगे थे। उस वक्त अभिजात्य वर्ग के रोम वासियों के लिए विशेष शौचालय भी बनाए गए थे जहां वे एक साथ बैठ कर निवृत्त होते हुए विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श भी किया करते थे। इतिहास पर नजर डालें तो कोलोन की ख़ूबियों ने रोमन साम्राज्य का मन पूरी तरह मोह लिया था।

इतिहास बताता है कि हर किसी ने कोलोन को अपना बनाने की कई कोशिशें कीं।यह रोमन साम्राज्य का एक बड़ा केंद्र रहा। 2 हजार साल पहले राइन नदी के किनारे रोमन साम्राज्य का विस्तार केंद्र कोलोन ही था। रोम शासकों ने यहां अपनी व्यापारिक चैकी स्थापित की थी और नाम दिया था कोलोनिया। रोमन दौर की निशानियां कोलोन में आज भी यहां वहां बिखरी हुई हैं। राइन नदी इलाके में व्यापार का प्रमुख रास्ता रहा है और इसकी बदौलत कोलोन की समृद्धि भी रही। मध्ययुगीन दौर में रोमन शासन के बनाए 12 चर्च और किले सरीखे तीन नगर द्वार कोलोन की विशिष्टता रहे हैं।


 

Print Friendly, PDF & Email
AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE

Related Articles

AD
Back to top button