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निजी स्कूलों से जुड़ेंगे सरकारी स्कूल, किया जाएगा सहयोग

स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और उन्हें इन्फ्रास्ट्रक्चर के स्तर पर मजबूत बनाने के लिए सरकार ने वैसे तो कई अहम कदम उठाए हैं लेकिन उनमें फिलहाल जो खास है वह सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों के साथ जोड़ने की योजना है। इसके तहत प्रत्येक सरकारी स्कूल को किसी निजी स्कूल के साथ संबद्ध किया जाएगा।

Story Highlights
  • सरकारी स्कूलों के निजीकरण में नई शिक्षा नीति होगी कारगर साबित 
कानपुर देहात, अमन यात्रा : स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और उन्हें इन्फ्रास्ट्रक्चर के स्तर पर मजबूत बनाने के लिए सरकार ने वैसे तो कई अहम कदम उठाए हैं लेकिन उनमें फिलहाल जो खास है वह सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों के साथ जोड़ने की योजना है। इसके तहत प्रत्येक सरकारी स्कूल को किसी निजी स्कूल के साथ संबद्ध किया जाएगा। वे आपस में मिल-जुलकर एक-दूसरे के संसाधनों का इस्तेमाल करेंगे। साथ ही एक-दूसरे के बेहतर काम-काज को अपनाएंगे भी, इसके बाद धीरे-धीरे सरकारी स्कूलों का प्राइवेटाइजेशन कर दिया जाएगा। विद्यालयों को जोड़ने के संबंध में शासन ने निर्देश दिए हैं। इसके तहत ब्लॉक स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी 5 से 8 किमी. के दायरे में बेहतर संसाधन व अच्छी शैक्षिक स्थिति वाले निजी मान्यता प्राप्त विद्यालय या उच्च शिक्षण संस्थान का चयन करेंगे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद स्कूलों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए दूसरा जो अहम कदम उठाया गया है, वह विद्यांजलि योजना का नया चरण है। इसमें कोई भी शिक्षित या हुनरमंद व्यक्ति अब स्वयंसेवक के रूप में स्कूलों के साथ जुड़कर नई पीढ़ी के भविष्य को संवारने में मदद दे सकेगा। इनमें सेवानिवृत्त अधिकारी, खेल क्षेत्र से जुड़ी प्रतिभाएं, सेवानिवृत्त शिक्षक आदि में से कोई भी हो सकता है। हालांकि इसके लिए पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा। साथ ही किस क्षेत्र से जुड़े हैं आदि की पूरी जानकारी देनी होगी। इसके आधार पर जरूरतमंद स्कूल ऐसे लोगों को खुद ही अपने यहां बच्चों को पढ़ाने या विशेष कक्षाएं लेने के लिए आमंत्रित करेंगे।
ये होगा लाभ-
1- आपस में जुड़ने के बाद दोनों विद्यालयों के बच्चे एक-दूसरे के यहां पुस्तकालय, प्रयोगशाला, खेल के मैदान, बुनियादी ढांचे और डिजिटल सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगे।
2- कला, विज्ञान प्रदर्शनी, टीएलएम मेला, सांस्कृतिक व खेल गतिविधियों व प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संयुक्त आयोजन व भ्रमण।
3- शिक्षकों को शिक्षण संबंधी सहयोग लेने की अनुमति मिल सकेगी।
4- दोनों विद्यालयों के छात्र व शिक्षक महीने में एक बार खेल, विज्ञान शिक्षण और कंप्यूटर सीखने सहित विभिन्न गतिविधियों में शामिल होंगे।
5- इस शैक्षिक आदान प्रदान की जानकारी अभिभावकों को भी दी जाएगी। बच्चों के भ्रमण पर जाने के लिए उनकी सहमति भी ली जाएगी।
6- भ्रमण पर जाने वाले बच्चों की संयुक्त बैठक और वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि होगी।
7- प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा परिषदीय विद्यालयों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों, खेलकूद गतिविधियों, शिक्षक प्रशिक्षण आदि के आयोजन के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने व भौतिक अवस्थापना सुविधाओं में सहयोग किया जा सकेगा।
8- दोनों प्रकार के विद्यालयों की बेहतरीन गतिविधियों को सभी शिक्षण संस्थाओं में साझा किया जाएगा ताकि अन्य विद्यालय भी उसका लाभ उठा सकें।
डीएम की अध्यक्षता में बनी समिति करेगी निगरानी-
विद्यालयों को जोड़ने की प्रक्रिया पूरी कराने और संसाधनों के प्रयोग व अन्य गतिविधियों के क्रियान्वयन व निगरानी के लिए हर जिले में डीएम की अध्यक्षता में समिति बनाई जायेगी। इसमें उपाध्यक्ष सीडीओ व सदस्य सचिव बीएसए होंगे। डायट प्राचार्य, डीआईओएस, जिला सूचना अधिकारी, जिला युवा कल्याण अधिकारी व डीएम से नामित निजी विद्यालयों के प्रबंधतंत्र/शिक्षण संस्थाओं के तीन प्रतिनिधि सदस्य होंगे।
AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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