नितिन गडकरी ने अपनी ही सरकार से कर दी टैक्स हटाने की मांग
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी ही सरकार से लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाला जीएसटी वापस लेने की मांग की है।
- लाइफ इंश्योरेंस और मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर लग रही है जीएसटी
कानपुर देहात। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी ही सरकार से लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाला जीएसटी वापस लेने की मांग की है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे एक पत्र में गडकरी ने कहा कि इस कदम से बीमा कंपनियों पर टैक्स का बोझ कम होगा और देश में महत्वपूर्ण बीमा उत्पादों की मांग को बढ़ावा मिलेगा।
नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में मांग की है कि लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर से जीएसटी को हटाया जाए। उन्होंने कहा है कि जीएसटी के चलते इंश्योरेंस सेक्टर की ग्रोथ प्रभावित हो रही है। सीनियर सिटीजन पर बीमारियों के महंगे इलाज का बोझ बढ़ रहा है। हमें प्राथमिकता से इस सेक्टर पर लग रहे जीएसटी को लेकर निर्णय लेना चाहिए। ज्यादा जीएसटी होने की वजह से लोग लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस को लेकर सहज नहीं हो पा रहे हैं। इसका प्रभाव समाज पर पड़ रहा है।
सरकारी और प्राइवेट सेक्टर की बीमा कंपनियों को मजबूत करें-
नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री से अपील की है कि वह सरकारी और प्राइवेट सेक्टर की बीमा कंपनियों को मजबूत करने के लिए कदम उठाएं। इंश्योरेंस लेकर टैक्स बचत को भी बढ़ावा देना चाहिए ताकि लोग राहत महसूस कर सकें। इसके लिए प्रीमियम पर इनकम टैक्स डिडक्शन दोबारा से शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस समाज को आगे बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी है। इससे लोगों का रुझान लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस की तरफ और बढ़ेगा। उन्होंने लिखा है कि लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर टैक्स लगाने के समान है।
अगर कोई व्यक्ति परिवार को सुरक्षा देने के लिए कदम आगे बढ़ा रहा है तो उसे टैक्स से राहत दी जानी चाहिए। हमें उन पर जीएसटी लगाकर उन्हें हतोत्साहित नहीं करना चाहिए। नितिन गडकरी ने कहा कि अगर वित्त मंत्री यह राहत लोगों को देती हैं तो लोगों का रुझान लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस की तरफ और बढ़ेगा।