निपुण विद्यालय का लक्ष्य प्राप्त करने वाले विद्यालयों को मिलेगी 25 हजार की विशेष धनराशि एवं प्रशस्ति पत्र
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता बेहतर करने लिए प्रदेश सरकार ने चैंपियन पुरस्कार योजना की नई पहल की है। बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके इसलिए सरकार ने इस योजना को शैक्षिक सत्र 2024-25 से ही लागू कर दियाहै।
ब्रजेन्द्र तिवारी, कानपुर देहात। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता बेहतर करने लिए प्रदेश सरकार ने चैंपियन पुरस्कार योजना की नई पहल की है। बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके इसलिए सरकार ने इस योजना को शैक्षिक सत्र 2024-25 से ही लागू कर दियाहै। इस योजना के तहत जो विद्यालय 100 प्रतिशत निपुण हो जायेगा उसके प्रधानाध्यापक को पुरस्कार के रूप में 25 हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी। इस संबंध में प्रमुख सचिव बेसिक डॉ. एमके शनमुगा सुंदरम ने शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया और शिक्षा महानिदेश को निर्देशित किया इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जाये। आदेश में कहा गया कि कि शैक्षिक सत्र 2024-25, 2025-26 व 2026-27 में निपुण भारत मिशन के तहत तय मानकों के आधार पर निपुण चैंपियन पुरस्कार दिए जाएंगे।
सर्वश्रेष्ठ प्रधानाध्यापकों को मिलेगा सम्मान-
निपुण लक्ष्य हासिल करने वाले परिषदीय प्राथमिक विद्यालय (कक्षा एक से पांच) को निपुण विद्यालय, प्रधानाध्यापक को निपुण चैंपियन हेड मास्टर ऑफ द डिस्ट्रक्ट घोषित किया जाएगा। निर्धारित मानकों के क्रम में सर्वश्रेष्ठ 400 चयनित प्रधानाध्यापकों को निपुण चैंपियन पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा।
इस मद में हो सकेगा धनराशि का प्रयोग-
निपुण विद्यालय को पुरस्कार स्वरूप मिलने वाली 25 हजार रुपये की धनराशि का उपयोग प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय स्तर पर खेलकूद सामग्री अथवा नवाचारी शैक्षणिक गतिविधियों में किया जाएगा। निपुण विद्यालयों के प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापकों को विभिन्न अवसरों जैसे राज्य, जिला व ब्लॉक स्तर पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जाएगा।
ये है उद्देश्य-
अध्यापकों का मनोबल बढ़ेगा शिक्षा बेहतर होगी। शिक्षक-विद्यार्थी आत्मीय संबंध के उत्कृष्ट रूप का प्रदर्शन दिखेगा। शैक्षणिक गतिविधियों में प्रतिस्पर्धात्मक भावना एवं गुणवत्ता आयेगी। विद्यालयों के विकास को रफ्तार मिलेगी। लर्निंग के लिए सकारात्मक वातावरण का सृजन होगा। नवाचारी टीचिंग लर्निंग मैटिरियल एवं उत्कृष्ट शैक्षिक प्रथाओं का बेहतर प्रयोग होगा।