नियमों को ताक पर रखकर कर दिए खंड शिक्षा अधिकारियों के तबादले
राज्य सरकार ने भले ही बीच सत्र में तबादलों पर रोक लगा रखी हो लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग में यह रोंक प्रभावी नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग में जनपद के एक खंड शिक्षा अधिकारी समेत 17 खंड शिक्षा अधिकारियों को गैर जनपद के लिए स्थानांतरित कर दिया गया है।
- मलासा विकासखंड के खंड शिक्षा अधिकारी दिनेश त्रिपाठी का हुआ स्थानांतरण
लखनऊ/ कानपुर देहात। राज्य सरकार ने भले ही बीच सत्र में तबादलों पर रोक लगा रखी हो लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग में यह रोंक प्रभावी नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग में जनपद के एक खंड शिक्षा अधिकारी समेत 17 खंड शिक्षा अधिकारियों को गैर जनपद के लिए स्थानांतरित कर दिया गया है। इनमें कई ऐसे बीईओ हैं जिनकी नियुक्ति अभी हाल ही में हुई है जबकि खंड शिक्षा अधिकारियों के स्थानांतरण की नियमावली के मुताबिक एक जनपद में कम से कम 3 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले खंड शिक्षा अधिकारियों के स्थानांतरण का प्रावधान है इसके अलावा किसी भी मामले में वांछित होने पर दोष सिद्ध होने की दशा में भी स्थानांतरण किया जा सकता है लेकिन मलासा विकासखंड में कार्यरत खंड शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार त्रिपाठी पर कोई भी मामला दर्ज नहीं है ना ही उनके खिलाफ कोई भी शिकायत है फिर भी उनका स्थानांतरण दूसरे जनपद के लिए कर दिया गया जबकि उन्होंने जनपद में 22 मार्च 2021 को ही कार्यभार ग्रहण किया है। इस तरह उनके 3 वर्ष का कार्यकाल भी पूरा नहीं हुआ है इसके बावजूद सभी नियमों को ताक पर रखकर उनका स्थानांतरण मथुरा जनपद के लिए कर दिया गया।
बता दें अपर शिक्षा निदेशक (बेसिक) अनिल भूषण चतुर्वेदी ने सोमवार 12 दिसंबर 2022 को 17 खंड शिक्षा अधिकारियों को दूसरे जनपद के लिए स्थानांतरित कर दिया, साथ ही उन्होंने अपने आदेश में खंड शिक्षा अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि वे तत्काल अपने नवीन तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करना सुनिश्चित करें। कार्यभार ग्रहण करने के पूर्व किसी भी प्रकार का अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा। कार्यभार ग्रहण न करने की स्थिति में आदेशों की अवहेलना मानते हुए अनुशासनिक कार्यवाही कर दी जाएगी। खंड शिक्षा अधिकारियों के स्थानांतरण को लेकर उत्तर प्रदेशीय विद्यालय निरीक्षक संघ (खंड शिक्षा अधिकारी संघ) ने ऐतराज जताया है।