निर्धारित मूल्य से अधिक पर यूरिया बेचने पर लाइसेंस निरस्त, दुकानदार पर हुई कार्रवाई
उर्वरकों की कालाबाजारी रोकने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। एक किसान की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, जिला कृषि अधिकारी ने झींझक में अधिक मूल्य पर यूरिया बेचने वाले एक दुकानदार का उर्वरक प्राधिकार पत्र (लाइसेंस) निरस्त कर दिया है।

कानपुर देहात: उर्वरकों की कालाबाजारी रोकने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। एक किसान की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, जिला कृषि अधिकारी ने झींझक में अधिक मूल्य पर यूरिया बेचने वाले एक दुकानदार का उर्वरक प्राधिकार पत्र (लाइसेंस) निरस्त कर दिया है।
जिला कृषि अधिकारी को एक किसान ने शिकायत दी थी कि झींझक के सुनील खाद भंडार पर यूरिया निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर बेची जा रही है। शिकायत का संज्ञान लेते हुए, सुनील खाद भंडार, सुनाथा रोड, झींझक पर औचक छापा मारा गया। जांच के समय सहायक विकास अधिकारी कृषि बालकृष्ण और वरिष्ठ प्राविधिक ग्रुप ए कश्मीर सिंह भी मौजूद थे।
जांच में किसान की शिकायत सही पाई गई। दुकानदार से किसान को अधिक लिए गए पैसे वापस कराए गए। इसके बाद दुकान के स्टॉक की जांच की गई, जिसमें कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। दुकान पर 22 बोरी यूरिया, 330 बोरी डीएपी और 76 बोरी एनपीके पाई गई, जबकि पीओएस मशीन में यूरिया का स्टॉक 127 बोरी, डीएपी 333 और एनपीके 145 बोरी दिखा रहा था। पीओएस मशीन और गोदाम के भंडार में बड़ा अंतर पाया गया।
इसके अलावा, दुकानदार ने फर्म बोर्ड, स्टॉक और रेट बोर्ड, और स्टॉक एवं वितरण रजिस्टर भी नहीं बनाया था। इन सभी उल्लंघनों के कारण इस फर्म का उर्वरक प्राधिकार पत्र तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया। दुकान पर उपलब्ध 22 बोरी यूरिया को किसानों में वितरित करा दिया गया।
अन्य दुकानों पर भी जांच
इसी क्रम में, प्रशासन ने झींझक में मनीष खाद भंडार की भी जांच की। वहां स्टॉक और रेट बोर्ड, स्टॉक एवं वितरण रजिस्टर, पीओएस मशीन स्टॉक और गोदाम स्टॉक सही पाया गया। दुकान पर उपलब्ध दो बोरी यूरिया भी किसानों को वितरित कर दी गई।
जिला कृषि अधिकारी ने जनपद के सभी थोक और फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे किसानों को निर्धारित दर पर ही उर्वरक उपलब्ध कराएं। उन्होंने चेतावनी दी कि पीओएस मशीन के बिना उर्वरकों की बिक्री करना स्वीकार्य नहीं होगा। यदि पीओएस मशीन और भंडारित स्टॉक में अंतर पाया जाता है, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी विक्रेताओं को प्रतिदिन अपना स्टॉक और वितरण रजिस्टर अपडेट करने का निर्देश दिया। नियमों का उल्लंघन करने पर उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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