G-4NBN9P2G16
कानपुर देहात। नीट में कथित धांधली को लेकर चल रहे हंगामे के बीच आपके लिए एक अच्छी खबर है। अपने ही देश में कुछ राज्य ऐसे हैं जहां 650 से कम स्कोर पर अच्छा सरकारी मेडिकल कॉलेज मिल जाता है। मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए नीट परीक्षा में कथित धांधली को लेकर बवाल चल रहा है। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेस मार्क्स प्राप्त 1563 को दोबार एग्जाम देने या फिर ग्रेस नंबर माइनस करने को कहा है। परीक्षा में कथित धांधली से सबसे ज्यादा परेशान बिहार, यूपी के छात्र हैं। यहां बच्चों को सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए वर्तमान में 670 से ऊपर स्कोर होना चाहिए। इस बार तो यह स्कोर 680 के पार भी जाने की संभावना है लेकिन अपने ही देश में कई राज्य ऐसे हैं जहां 600 के आसपास के स्कोर पर बच्चों को अच्छा सरकारी मेडिकल कॉलेज मिल जाता है। नीट की परीक्षा 720 अंकों की होती है और इस साल बंपर रिजल्ट आया है। इस साल 67 बच्चों ने 720 में से 720 स्कोर किया है। ऐसे में ओवरऑल कटऑफ काफी हाई रहने की संभावना है।
जन्नत है ये राज्य-
खैर हम जिस राज्य की बात कर रहे हैं वो राज्य करीब-करीब हर मामले में उत्तर भारत के बिहार-यूपी से काफी आगे हैं। हम तमिलनाडु की बात कर रहे हैं। इस राज्य की आबादी करीब 8.4 करोड़ है। दूसरी तरफ बिहार की आबादी 13.10 करोड़ और उत्तर प्रदेश की आबादी करीब 24.14 करोड़ है। यानी तमिलनाडु की आबादी उत्तर प्रदेश की तुलना में एक तिहाई है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस राज्य में 26 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें एमबीबीएस की करीब 3500 सीटें हैं। वहीं दूसरी तरह बिहार की चर्चा कर लेते हैं। यहां मात्र 10 मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें एमबीबीएस की केवल 1240 सीटें हैं। यानी जहां तमिलनाडु में 24000 की आबादी पर एक एमबीबीएस सीट है वहीं बिहार में एक लाख पांच हजार की आबादी पर एक एमबीबीएस सीट है। इस तरह दोनों राज्यों के बच्चों के बीच कंपटीशन में चार गुना से भी ज्यादा का अंतर है। सबसे बड़े राज्य की स्थिति
हम आबादी की दृष्टि से देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का भी उदाहरण देख सकते है। यहां कुल 24 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें एबीबीएस की कुल सीटें 2850 सीटें हैं। यानी इतना बड़ा राज्य होने के बावजूद यह भी तमिलनाडु की बराबरी नहीं कर पा रहा है। यहां पर करीब 85 हजार की आबादी पर एक एमबीबीएस सीट है। यहां भी तमिलनाडु की तुलना में कंप्टीशन करीब तीन गुना टफ है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के 2023 के आंकड़ों के मुताबिक देश में कुल 386 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं जिनमें कुल 55880 एमबीबीएस की सीटें हैं लेकिन ये दुर्भाग्य हैं कि उत्तर भारत के राज्यों खासकर बिहार और यूपी में एमबीबीएस की सीटें आबादी की तुलना में बहुत कम हैं। ऐसे में देश के अन्य इलाकों की तुलना में इन दो राज्यों के बच्चों को अनावश्यक ज्यादा दबाव झेलना पड़ता है।
650 पर सरकारी कॉलेज-
नीट के जरिए दाखिले में एक नियम है कि मेडिकल कॉलेजों में होम स्टेट के छात्रों के लिए 85 फीसदी सीटें रिजर्व रहती हैं। केवल 15 फीसदी सीटें ऑल इंडिया कोटे के तहत आती हैं। ऐसे में तमिलनाडु में कई सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बच्चों को 580 तक के स्कोर पर एमबीबीएस मिल जाता है वहीं बिहार यूपी में यह स्कोर 650 के आसपास जाता है परंतु इस बार तमिलनाडु 650 में और बिहार यूपी में 680 तक के स्कोर पर सरकारी कॉलेज मिलने की संभावना है।
मंगलपुर (कानपुर देहात)। मंगलवार सुबह सिकंदरा तहसील क्षेत्र के चमरौआ गांव का मजरा बलवंतपुर में एक दिल दहला देने वाली… Read More
कानपुर देहात में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। गजनेर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव में खेत में काम करते… Read More
सुप्रीम कोर्ट की ओर से शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को शिक्षकों के लिए अनिवार्य किए जाने संबंधी निर्णय पर मुख्यमंत्री… Read More
लखनऊ/ कानपुर देहात। सेवारत शिक्षकों के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्य की गई टीईटी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने… Read More
आज का समाज विचारधाराओं में इस कदर विभाजित है कि हर बात, हर विचार और हर व्यक्ति को किसी न… Read More
नई दिल्ली/कानपुर देहात। आयकर विभाग ने सोमवार को आईटीआर दाखिल करने के आखिरी दिन रिटर्न भरने में लोगों को हुई… Read More
This website uses cookies.