नीट परीक्षा में गड़बड़ी पर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही मोदी सरकार
भारत में सरकारी या प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए नीट परीक्षा को क्लियर करना जरूरी है। बचपन से डॉक्टर बनने का सपना देख रहे छात्र 11वीं और 12वीं कक्षा में ही कड़ी मेहनत करने लगते हैं। वे फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी, मैथ्स जैसे टफ सब्जेक्ट को घोलकर पी जाते हैं। इसके साथ ही नीट परीक्षा की तैयारी को लेकर भी उनकी कड़ी मेहनत जारी रहती है। इसके बाद अगर छात्रों को पता चले कि इस जरूरी परीक्षा में धांधली या कुछ गड़बड़ी हुई है तो उनका हौसला तो टूटता ही है साथ ही देश की परीक्षा प्रणाली से भी विश्वास उठ जाता है

- नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) सरकार के साथ मिलकर खेल रही है लुका चुप्पी का खेल
कानपुर देहात। भारत में सरकारी या प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए नीट परीक्षा को क्लियर करना जरूरी है। बचपन से डॉक्टर बनने का सपना देख रहे छात्र 11वीं और 12वीं कक्षा में ही कड़ी मेहनत करने लगते हैं। वे फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी, मैथ्स जैसे टफ सब्जेक्ट को घोलकर पी जाते हैं। इसके साथ ही नीट परीक्षा की तैयारी को लेकर भी उनकी कड़ी मेहनत जारी रहती है। इसके बाद अगर छात्रों को पता चले कि इस जरूरी परीक्षा में धांधली या कुछ गड़बड़ी हुई है तो उनका हौसला तो टूटता ही है साथ ही देश की परीक्षा प्रणाली से भी विश्वास उठ जाता है। इस साल की नीट परीक्षा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। नीट रिजल्ट आने के बाद जब छात्रों ने देखा कि इस कठिन परीक्षा में इस साल 67 स्टूडेंट्स के फुल मार्क्स यानी कि 720 में से 720 नंबर आए हैं और एक ही सेंटर से 8 टॉपर निकले हैं तो वे हैरान रह गए। इसके बाद जब पता चला कि एनटीए ने ग्रेस मार्क्स के नाम पर कैंडिडेट्स को 2 या 3 नहीं ब्लिक 100-100 नंबर दिए हैं तो मेडिकल फील्ड में खलबली मच गई।
छात्र, टीचर्स और तमाम लोनों ने एनटीए को कटघरे में खड़ा कर दिया। आंदोलन के साथ-साथ हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं भी दायर की गईं। इस बवाल के बीच सरकार दूरी बनाए हुए है। गौरतलब है नीट रिजल्ट में कथित गड़बड़ी और पेपर लीक के आरोपों के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन जारी है। नीट परीक्षा रद्द कर फिर से आयोजित करने और रिजल्ट फिर से घोषित करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट व विभिन्न राज्यों की अदालतों में याचिकाएं दायर की गई हैं। पेपर लीक होने और परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी के आरोपों पर विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार बहुत कुछ ऐसा हुआ जो असामान्य है और परीक्षा आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की बजाय आगे बढ़कर इसकी जांच करनी चाहिए। अन अकेडमी के नीट एजुकेटर प्रतीक जैन से रिपोर्टर राजेश कटियार ने इस संबंध में विशेष बातचीत की। जैन ने बताया कि नीट परीक्षा लाखों-लाख बच्चों के सपनों को पूरा करता है। हर साल करीब 25 लाख बच्चे इसमें शामिल होते हैं ताकि वह देश के टॉप मेडिकल कॉलेजों में दाखिला ले सकें और डॉक्टर बन सकें।
प्रश्न- क्या किसी उम्मीदवार के 720 में से पूरे 720 अंक आ सकते हैं ? जैन- हर साल दो से तीन बच्चे 720 में से 720 अंक लाते हैं क्योंकि नीट परीक्षा में टॉप करना इतना आसान नहीं है लेकिन इस साल कुछ अजीब हुआ है। पिछले साल दो छात्र 720 में से 720 लाये थे और उनकी रैंक-1 थी लेकिन इस बार 67 छात्रों के 720 में से 720 अंक हैं। सबसे मजेदार बात यह है कि एक ही सेंटर से ऐसे 8 बच्चे हैं जिनके 720 में से 720 अंक हैं उससे भी खतरनाक बात यह है कि उसी सेंटर पर दो छात्रों के 718-718 अंक हैं। नीट में 718 अंक लाना मुश्किल है। सही जवाब देने पर चार अंक मिलते हैं और गलत जवाब पर एक अंक कट जाता है। तो अगर आप सारे प्रश्नों के सही जवाब देंगे तो आपको 720 में से 720 अंक मिलेंगे। अगर एक प्रश्न छोड़ देंगे और बाकी सबके सही जवाब देंगे तो 716 अंक होंगे। सिर्फ एक प्रश्न गलत करेंगे तो 715 अंक होंगे। पर कभी भी आपके नंबर 718 या 719 नहीं होंगे। जब बहुत सारे टीचर और अभिभावकों ने इस बात को पकड़ा तो एनटीए ने ट्वीट कर कहा कि इस साल उसने ग्रेस मार्किंग दी है। एजेंसी ने यह नहीं बताया कि उसने कितने बच्चों को ग्रेस मार्क दिये हैं हजार, दो हजार, 10 हजार, लाख ? या कितने ग्रेस मार्क दिये हैं दो अंक, तीन अंक, 100 अंक, 200 अंक या 500 अंक ?
प्रश्न- इस बार ऐसा क्या हुआ कि नीट के परिणाम पर इतना बवाल मचा है ?
जैन- अगर आंकड़ों पर ध्यान दें तो इस साल पेपर पिछले साल जितना ही मुश्किल था या फिर हल्का सा ज्यादा मुश्किल कह सकते हैं लेकिन फिर भी इस साल देखेंगे तो 655 से ज्यादा नंबर लाने वाले 25 हजार विद्यार्थी हैं जबकि पिछले साल पांच हजार विद्यार्थी थे। ठीक है कि विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ रही है। इस साल 24 लाख विद्यार्थी थे जो पिछले साल की तुलना में 15 से 20 प्रतिशत अधिक हैं। इसके बावजूद 655 से ज्यादा स्कोर करने वाले छात्रों की संख्या पांच गुना हो गई है जो किसी भी तरह विश्वास करने लायक नहीं है क्योंकि इससे ज्यादा आसान पेपर नीट का पहले भी कई बार आ चुका है और तब भी छात्रों ने इतना स्कोर नहीं किया था। यदि हम यह मान भी लें कि इस बार पेपर हल्का आसान था तब भी इतनी ज्यादा संख्या किसी भी हाल में नहीं बढ़ सकती।
दुःख की बात है कि इस साल जो बच्चा 650 से ज्यादा नंबर लेकर आया है उसे भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं मिल पाएगा। पिछली बार 610-620 से अधिक नंबर लाने वालों को सरकारी मेडिकल कॉलेज मिल गया था। प्रश्न नीट का पेपर लीक होने के आरोपों पर क्या कहना है ? जैन- बिहार पुलिस के पास एक एफआईआर दर्ज हुई थी जिसमें शिकायत की गई थी कि 4 मई को कई विद्यार्थियों को पेपर मिल गया था और यह वही पेपर है जो 5 मई को नीट परीक्षा में पूछा गया था। उन्होंने इस पेपर को आधिकारिक रिकॉर्ड के लिए एनटीए को भेजा था ताकि वह वेरीफाई कर दे कि यह परीक्षा में पूछे गये प्रश्नपत्र से मेल खाता है। एनटीए ने अब तक इसका कोई उत्तर नहीं दिया है। वैसे तो हम सभी जानते हैं कि यह वही पेपर है परीक्षा देने वाला हर छात्र उस पेपर को देखकर आया था। इसके अलावा अलग-अलग जगहों पर कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिससे लगता है की नीट का पेपर बड़े पैमाने पर लीक हुआ था।
हरियाणा के एक केंद्र पर चार बच्चों के फुल नंबर हैं। दो बच्चे ऐसे हैं जिनके 718-718 नंबर हैं। इन सब बातों को ध्यान से देखें तो बहुत ज्यादा संभावना है कि नीट का पेपर लीक हुआ है और ऊंचे स्तर पर बहुत कुछ गड़बड़ चल रही है जो हमारे सामने अभी तक नहीं आया है। साथ ही एक टेलीग्राम ग्रुप में 4 मई को पेपर लीक हो गया था। वैसे तो वह पोस्ट एडिटेड है, मेरा मानना है कि यह एनटीए की ड्यूटी बनती है कि वह खुद से तहकीकात करे। यह छात्रों की ड्यूटी नहीं है कि आपको सबूत लाकर दे कि पेपर लीक हुआ है या नहीं। अगर आप जिम्मेदार एजेंसी हैं जिसका आप स्वयं ही दावा करते हैं तो आपको कहीं से भी इस तरह की खबरें मिलने पर खुद पुलिस के पास जाना चाहिए था, आपको खुद जांच करनी चाहिए थी, आपको पता लगाना चाहिए था क्या सही और क्या गलत है लेकिन एनटीए ने उल्टा किया हर बार अपना पल्ला झाड़ा और यह कहने की कोशिश की कि ऐसा कुछ भी नहीं है। हर बार एक झूठ छिपाने के लिए कई नए झूठ बोले जो हम सबके सामने हैं।
Discover more from अमन यात्रा
Subscribe to get the latest posts sent to your email.