नोडल अधिकारी ने कानपुर देहात में सड़क और पुल निर्माण कार्यों का किया औचक निरीक्षण, गुणवत्ता और समयबद्धता पर जोर
आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग और नोडल अधिकारी जी.एस. प्रियदर्शी ने आज मुख्य विकास अधिकारी लक्ष्मी एन के साथ मिलकर कानपुर देहात में चल रहे दो महत्वपूर्ण निर्माण परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया।

- अकबराबाद-चौरा मार्ग: चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण में विलंब, गुणवत्ता जांच के निर्देश
- पुखरायां रेलवे स्टेशन के पास रेल उपरिगामी सेतु: यातायात शुरू करने पर जोर
कानपुर देहात: आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग और नोडल अधिकारी जी.एस. प्रियदर्शी ने आज मुख्य विकास अधिकारी लक्ष्मी एन के साथ मिलकर कानपुर देहात में चल रहे दो महत्वपूर्ण निर्माण परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने परियोजनाओं की प्रगति, गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया।
नोडल अधिकारी प्रियदर्शी ने सबसे पहले लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित “अकबराबाद से चौरा मार्ग” (कुल 13 किमी) के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण कार्य का जायजा लिया। इस परियोजना की कुल लागत 32.68 करोड़ रुपये है। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ने बताया कि कार्य 15 मार्च 2024 को शुरू हुआ था और इसकी समय सीमा 14 जून 2025 निर्धारित थी। हालांकि, कुछ समस्याओं और तकनीकी जटिलताओं के कारण कार्य में विलंब हुआ है, और कार्य पूर्ण करने की अवधि के विस्तार के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। अब तक इस कार्य की वित्तीय प्रगति 92 प्रतिशत और भौतिक प्रगति 87 प्रतिशत है।
निरीक्षण के दौरान नोडल अधिकारी ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता, मानकों के अनुपालन और सड़क की मजबूती का बारीकी से अवलोकन किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शेष कार्यों को समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए। विशेष रूप से, मिट्टी कार्य, सबग्रेड लेयर, डब्ल्यूएमएम (Wet Mix Macadam), बीटीसी (Bituminous Concrete), डीबीसी (Dense Bituminous Concrete), और रोड साइड मरम्मत जैसी प्रमुख गतिविधियों पर विस्तृत चर्चा हुई। प्रियदर्शी ने यह भी पाया कि आबादी क्षेत्र में सड़क किनारे नाली निर्माण कार्य की प्रगति मात्र 10 प्रतिशत है, जिस पर उन्होंने अधिशासी अभियंता को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।
नोडल अधिकारी ने सख्त निर्देश दिए कि भविष्य में यदि किसी परियोजना की डीपीआर (Detailed Project Report) में किसी विभाग की लापरवाही या कमी के कारण संशोधन करना पड़े, तो संबंधित विभाग की जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से तय की जाए। साथ ही, यदि निर्माण कार्यों में विद्युत, वन या किसी अन्य विभाग के कारण विलंब होता है, तो उससे हुई क्षति की क्षतिपूर्ति संबंधित विभाग से वसूल की जाए। उन्होंने विद्युत पोल शिफ्टिंग और वृक्षों की क्षतिपूर्ति से जुड़े बिंदुओं की भी समीक्षा की। अधिशासी अभियंता ने बताया कि 126.41 लाख रुपये विद्युत कार्य हेतु और 6.51 लाख रुपये वृक्ष क्षतिपूर्ति हेतु स्वीकृति दी गई है, जिसमें पूर्व में स्थापित पोल और ट्रांसफार्मर हटाए जा चुके हैं। विद्युत विभाग और वन विभाग द्वारा संशोधित एस्टीमेट प्रस्तुत किए गए हैं, जिनकी स्वीकृति हेतु प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है। नोडल अधिकारी ने परियोजना से संबंधित सभी शेष कार्यों को नियत समयसीमा में गुणवत्तापूर्वक पूर्ण करने पर जोर दिया, ताकि क्षेत्र के नागरिकों को शीघ्र ही सुगम, सुरक्षित और सुदृढ़ सड़क सुविधा मिल सके।
इसके बाद, नोडल अधिकारी ने सेतु निगम द्वारा झाँसी-कानपुर रोड पर पुखरायां रेलवे स्टेशन के निकट नवनिर्माणाधीन रेल उपरिगामी सेतु का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने सेतु निर्माण से संबंधित परियोजना की भौतिक प्रगति और वित्तीय व्यय की समीक्षा की। सेतु निगम के अधिशासी अभियंता ने बताया कि परियोजना की कुल स्वीकृत लागत 57.39 करोड़ रुपये है, जिसमें अब तक 39.37 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है और 34.95 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय हुई है। परियोजना की भौतिक प्रगति 94.4 प्रतिशत है।
प्रियदर्शी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माण कार्य को निर्धारित समयावधि में पूरा किया जाए और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने सेतु को यातायात हेतु शीघ्र शुरू करने की दिशा में सभी आवश्यक कार्यों को तेजी से पूरा करने तथा रेलवे से समन्वय स्थापित कर रेलवे संबंधित निर्माण को शीघ्र पूर्ण कराने का आदेश दिया। यह सेतु राष्ट्रीय राजमार्ग के अंतर्गत कानपुर देहात जिले के प्रमुख मार्गों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण विकास कार्य है, जिससे क्षेत्रीय यातायात को सुगमता और व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
इस अवसर पर परियोजना निदेशक वीरेंद्र सिंह, अधिशासी अभियंता लो0नि0वि0 खण्ड-1 हेमंत कुमार, अधिशासी अभियंता सेतु निगम और अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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