शहर में आए पहली मेट्रो के तीनों कोच
दो वर्ष से जिस मेट्रो का कानपुर शहर के लोगों को इंतजार था, उसके कोच सोमवार रात कानपुर आ गए। 18 सितंबर को इसे गुजरात से रवाना किया गया था।

कानपुर अमन यात्रा : दो वर्ष से जिस मेट्रो का कानपुर शहर के लोगों को इंतजार था, उसके कोच सोमवार रात कानपुर आ गए। 18 सितंबर को इसे गुजरात से रवाना किया गया था।
दो वर्ष पहले 15 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने मेट्रो के कार्य की कानपुर में शुरुआत की थी। इसके बाद से कानपुर के लोगों को मेट्रो के आने का इंतजार था। कानपुर में प्राथमिक कारीडोर में आइआइटी से मोतीझील के बीच के नौ किलोमीटर के रूट पर सबसे पहले मेट्रो को चलाया जाना है। यह रूट पूरी तरह एलीवेटेड है। गुजरात के सावली में मेट्रो के कोच बनाए जा रहे हैं। इसमें पहली मेट्रो के लिए तीन कोच 10 दिन पहले रवाना हुए थे। इसके लिए उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केशव भी गुजरात गए थे। अब इन कोच के कानपुर आने पर दो दिन में प्रबंध निदेशक के कानपुर आने की उम्मीद है। गुजरात से ही ट्रेन को पूरी तरह कवर करके लाया गया है। इस कवर को अब हटाया जाएगा और उसके बाद असेंबल किया जाएगा।
इस अवसर पर यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने कहा कि कानपुर मेट्रो ट्रेन पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया’ हैं। इन्हें ऐल्सटाम इंडिया के सावली प्लांट में तैयार किया जा रहा है। समय बचाने के लिए यूपीएमआरसी ने मेट्रो ट्रेनों और सिग्नलिग सिस्टम का एक साथ अनुबंध किया था ताकि ट्रेनों की डिलीवरी जल्दी हो सके। इसीलिए टेंडर के मात्र 14 महीने के अंदर पहली ट्रेन कानपुर आई है। 26 फ़रवरी को इन ट्रेनों का निर्माण शुरू हुआ था। कानपुर के प्राथमिक सेक्शन के लिए आठ मेट्रो ट्रेनें और दोनों कारीडोर में 39 ट्रेनें चलेंगी। इन सभी में तीन-तीन कोच होंगे।
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