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लखनऊ/कानपुर देहात। बेसिक शिक्षा विभाग नौ माह में भी शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया पूरी नहीं कर सका है। बीते फरवरी महीने से शुरू तबादले की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो सकी है, नतीजा शिक्षक परेशान हैं। बताया जाता है कि इस लेट-फतीफी के पीछे जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों की घोर लापरवाही है। आलम यह है कि प्रदेश के 53 से अधिक जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी तय तिथि तक शिक्षकों की अंतिम वरिष्ठता सूची अभी तक अपलोड नहीं कर पाए हैं जबकि 30 अक्तूबर तक वरिष्ठता सूची अपलोड करने की अन्तिम तिथि निर्धारित की गई थी। अधिकारियों की लापरवाही से नाराज बेसिक शिक्षा परिषद ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को हर हाल में 8 नवम्बर तक शिक्षकों की पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश जारी किये हैं। विभागीय सूत्र बताते हैं कि पोर्टल पर अभी तक मात्र 22 जिलों ने वरिष्ठता सूची अपलोड की है। मजे की बात यह है कि अपलोडेड इन वरिष्ठता सूचियों में भी बड़ा घालमेल है। बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने जमकर मनमानी की है। कुछ जिलों ने जन्मतिथि के आधार पर वरिष्ठता सूची तैयार कर उसे पोर्टल पर अपलोड किया है कुछ जिलों ने चयन गुणांक के आधार पर इसे तैयार कर पोर्टल पर अपलोड किया है। ऐसे में जिले के अन्दर और जिले के बाहर पारस्परिक (म्यूचुअल) तबादले की प्रक्रिया के लम्बे समय तक लटने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
सिर्फ इन जिलों के बीएसए ने अब तक अपलोड की है शिक्षकों की वरिष्ठता सूची-
प्रदेश के 22 जिले ऐसे हैं जिनकी वरिष्ठता सूची पोर्टल पर अपलोड की गई है। इसमें गोरखपुर, बदायूं, बागपत, बांदा, चन्दौली, गौतमबुद्धनगर, गाजीपुर, गोण्डा, हापुड़, कानपुर नगर, ललितपुर, महोबा, मैनपुरी, मऊ, मुजफ्फरनगर, प्रतापगढ़, सहारनपुर, सम्भल, शाहजहांपुर, शामली, सिद्धार्थनगर तथा सीतापुर के नाम शामिल हैं।
विभाग की ओर से भी हो रही हैं लापरवाही-
विभागीय स्तर पर भी इस मामले में घोर लापरवाही बरती जा रही है। नौ माह बीतने के बाद भी विभाग अब तक यह तय नहीं कर सका है कि पदोन्नति के लिए जूनियर का टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) अनिवार्य किया जायेगा या नहीं। इससे शिक्षकों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि बार-बार तिथि बढ़ाये जाने के बाद भी अभी तक सभी जिलो की वरिष्ठता सूची अपलोड नहीं हो पाई है। जिन जिलों ने वरिष्ठता सूची अपलोड की है उसमें भी एकरूपता नहीं है। कुछ जिले नियुक्ति तिथि समान रहने पर चयन गुणांक को आधार बना रहे हैं तो कुछ नियुक्ति तिथि समान रहने पर जन्मतिथि को आधार बना रहे हैं। पदोन्नति प्रक्रिया जल्द पूर्ण हो इसके लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी होने चाहिए और इसमें हीलाहवाली करने वालों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।
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