पंचायती राज विभाग के जिम्में स्कूलों का कायाकल्प
शासन ने परिषदीय स्कूलों को बुनियादी सुविधाओं के मोर्चे पर अमीर करने का फैसला काफी पहले ही कर लिया था। तमाम स्कूलों में कई विकास कार्य भी कराए गए लेकिन लक्ष्य अब भी दूर है। शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि परिषदीय स्कूलों को कान्वेन्ट स्कूलों की भांति बुनियादी सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
- अधिकांश स्कूलों में नहीं करवाया गया कायाकल्प के तहत काम
- प्रेरणा पोर्टल पर होगी ग्राम पंचायत निधियों की फीडिंग
कानपुर देहात, अमन यात्रा : शासन ने परिषदीय स्कूलों को बुनियादी सुविधाओं के मोर्चे पर अमीर करने का फैसला काफी पहले ही कर लिया था। तमाम स्कूलों में कई विकास कार्य भी कराए गए लेकिन लक्ष्य अब भी दूर है। शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि परिषदीय स्कूलों को कान्वेन्ट स्कूलों की भांति बुनियादी सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इसका जिम्मा पंचायती राज विभाग को सौंपा गया है। लिहाजा परिषदीय स्कूलों के प्रधानाध्यापकों की निगाहें पंचायती राज विभाग की ओर हैं।
ग्राम सभा के 14वें वित्त, राज्य वित्त आयोग, ग्राम विकास निधि एवं अन्य निधियों के द्वारा प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बुनियादी सुविधाओं के स्तर से संतृप्त किया जाएगा। स्कूलों में वरीयता के अनुसार कार्य कराए जाएं जो कार्य सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं, उन्हें पहले कराया जाएगा। इसके लिए वरीयता सूची भी जारी की जा चुकी है। शौचालयों एवं मूत्रालयों को मानक मुताबिक बनाया जायेगा। विद्यालय विकास के लिए गांव में खुली बैठक के जरिए विकास योजना बनाने के निर्देश थे। शासन ने स्कूलों में टाइपिंग, चहारदीवारी, अतिरिक्त कक्षा कक्ष, शौचालय, गेट, फर्श, बिजली, पेयजल समेत अन्य सभी बुनियादी सुविधाओं के लिए खजाना खोल दिया है। शासन लगातार ऑपरेशन कायाकल्प की मानीटरिंग कर रहा है। इतना ही नहीं अब स्कूलों के ऑपरेशन कायाकल्प के तहत अवस्थापना सुविधाओं के निर्माण एवं जीर्णोद्धार में प्रयुक्त धनराशि को प्रेरणा पोर्टल पर फीड करना होगा ताकि इसमें किसी भी प्रकार के व्यय में गोलमाल न किया जा सके। पंचायती राज अधिकारी को यह कार्य प्रमुखता से करवाना होगा।
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हेडमास्टरों से तैयार कराया गया मांगपत्र
स्कूलों में किन सुविधाओं की आवश्यकता है, इसके लिए हेडमास्टरों ने अपने खंड शिक्षा अधिकारी के समक्ष मांग पत्र प्रस्तुत किया है जिन्होंने अभी तक मांग पत्र प्रस्तुत नहीं किया है वह पुनः खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से मांग पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। निरीक्षण में अगर स्कूलों में कायाकल्प के तहत कमियां पाई जाती हैं तो उसके लिए संबंधित प्रधानाध्यापक पर कार्यवाही की जाएगी। अभी जिले में तमाम स्कूलों में काम पूरे नहीं हो सके हैं।
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जिन स्कूलों में अभी तक कायाकल्प के तहत एक भी कार्य नहीं किए गए हैं या कार्य अधूरे हैं या कायाकल्प कराए जाने की आवश्यकता है तो वह अपने खंड शिक्षा अधिकारी को अवगत कराएं। बीएसए के जरिए मांग पत्र डीपीआरओ तक पहुंचाया जायेगा एवं इसके बाद विकास कार्यों को शुरू किया जायेगा।