डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि पंचायत चुनाव के चलते ग्रामीण क्षेत्र बेहद संवेदनशील हो गए हैं। आए दिन अब गांव में छोटी-छोटी बातों को लेकर तनाव की शिकायतें मिलेंगी। आपसी संघर्ष की घटनाएं इन दिनाें बढ़ जाती हैं। असल में इन सब समस्याओं के लिए वह लोग ही जिम्मेदार होते हैं जिनका पंचायत चुनाव में लेना-देना होता है।

कई बार तो बिना बात लोगों को भड़काने का काम किया जाता है। इसीलिए इस बार सभी थानेदारों से नए सिरे से गांव के दबंगों का सत्यापन कराने के लिए कहा गया है। पुलिस ऐसे लोगों की एक लिस्ट तैयार कर रही है जिनका नाम किसी पूर्व में किसी विवाद मे प्रकाश में आया हो या उनके खिलाफ किसी तरह की कोई निरोधात्मक कार्रवाई हुई हो। इस लिस्ट में वह लोग भी होंगे जिन पर अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।

गांववार लिस्ट बनाकर ऐसे लोगों को पंचायत चुनाव के समय पाबंद किया जाएगा। लिस्ट बनाने के लिए प्रत्येक सिपाही को तीन से चार गांव निर्धारित किए गए हैं. अनुमान है कि अगले 10 दिनों में यह काम पूरा हो जाएगा।