परास गाँव स्थित मंदिर की नींव खोदाई में निकली प्राचीन मूर्तियां,चबूतरा और सीढियां मिलीमंदिर
घाटमपुर के परास गांव में ग्रामीणों द्वारा चंदा करके बनवाये जा रहे मंदिर मे निर्माण के दौरान नींव खोदाई में कई प्राचीन खंडित मूर्तियां निकली हैं साथ ही मंदिर का बना हुआ चबूतरा और चबूतरे में चारो तरफ सीढियां बनी हुई हैं।

घाटमपुर कानपुर नगर : घाटमपुर के परास गांव में ग्रामीणों द्वारा चंदा करके बनवाये जा रहे मंदिर मे निर्माण के दौरान नींव खोदाई में कई प्राचीन खंडित मूर्तियां निकली हैं साथ ही मंदिर का बना हुआ चबूतरा और चबूतरे में चारो तरफ सीढियां बनी हुई हैं। बुजुर्ग ग्रामीणों के अनुसार 60 वर्ष पहले यहां पर पुरातत्व विभाग की टीम आई थी। तब तत्कालीन प्रधान से पुरातत्व विभाग के सदस्य मंदिर की मूर्तियां को लेकर लखनऊ चले गए थे। मूर्तियां जाने के बाद मंदिर खंडहर में तब्दील होकर ध्वस्त हो गया था। पुरातत्व विभाग ने मंदिर की ओर दोबारा नहीं देखा।
घाटमपुर थाना क्षेत्र के परास गांव के किनारे ठाकुर जी महराज का प्राचीन मंदिर स्थित हैं। जो पुरातत्व विभाग की उदासीनता के चलते खंडहर में तब्दील होकर ध्वस्त हो गया था। जिसके बाद गांव के लोगों ने मंदिर को बनवाने का बीड़ा उठाया और एकजुट होकर गांव में चंदा किया गया। जिसके बाद कुछ दिन पूर्व ग्रामीणों द्वारा मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कराया गया हैं। बीते दिनो भूमि पूजन होने के बाद मंदिर की नींव की खोदाई का काम शुरू किया गया था। बुधवार देर शाम नींव की खोदाई के दौरान यहां एक दर्जन से अधिक खंडित मूर्तियां निकली, जिन्हे ग्रामीणों ने सहजकर बगल में बने प्राचीन शिव मंदिर के चबूतरे में रखा है।
खोदाई के दौरान यहां पर दो शिलापट भी निकली है। साथ ही चबूतरा और चबूतरे के साथ कुछ सीढ़िया भी दिखाई दे रही हैं। मंदिर के निर्माण कार्य को देखने और ग्रामीणों के द्वारा दिए जा रहे चंदे का रख रखाव करने के लिए गांव के ग्यारह लोगो की समिति बनाई गई है। समिति के लोगों का कहना है, कि ठाकुर जी के मंदिर का गर्भगृह बनाने के बाद वह लोग कानपुर डीएम से मुलाकात कर मांग पत्र सौंपेंगे। समिति के सदस्यों की मांग सिर्फ ठाकुर जी की मूर्तियों को पुरातत्व विभाग से वापस लेकर मंदिर में स्थापित करवाना है।
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