आज जारी होगी निकाय चुनाव आरक्षण की अधिसूचना
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने निकाय चुनाव में पिछड़ों को आबादी के अनुपात में आरक्षण देने संबंधी राज्य सरकार के अध्यादेश को बुधवार देर रात मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही नगर निगम मेयर और पालिका परिषद व नगर पंचायत अध्यक्षों की सीटों के आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है।

लखनऊ। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने निकाय चुनाव में पिछड़ों को आबादी के अनुपात में आरक्षण देने संबंधी राज्य सरकार के अध्यादेश को बुधवार देर रात मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही नगर निगम मेयर और पालिका परिषद व नगर पंचायत अध्यक्षों की सीटों के आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है। नगर विकास विभाग द्वारा गुरुवार को सीटों के आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना जारी की जा सकती है।
इस पर आपत्तियों के लिए सात दिन का समय दिया जाएगा। इसके निस्तारण के दो दिनों के बाद आरक्षण की अंतिम अधिसूचना जारी होगी, उसके बाद किसी भी समय निकाय चुनाव कराने की अधिसूचना जारी हो सकती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार की शाम को उनके सरकारी आवास पर हुई कैबिनेट की बैठक में निकाय चुनाव में पिछड़ों को समुचित आरक्षण देने के लिए सामान्य नगरीय निकाय निर्वाचन-2023 उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम-1916 एवं उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम-1959 में सुसंगत संशोधन किए जाने संबंधी अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी देते हुए राज्यपाल को भेजने की सिफारिश की गई थी। नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने बताया कि निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का समुचित लाभ दिया जाना है। हाईकोर्ट के आदेश पर स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 31 मार्च तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। आयोग ने इसके पहले 9 मार्च को ही अपनी रिपोर्ट सौंप दी। सुप्रीम कोर्ट ने इसे मान्य कर दिया है।
शासन में आधी रात तक चलता रहा काम
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर निकाय चुनाव के लिए सीटों के आरक्षण की अधिसूचना जारी करने के तय समय को ध्यान में रखते हुए नगर विकास विभाग देर में रात तक काम चलता रहा। सीटों को आरक्षित करने के लिए एक-एक बिंदु का मिलान किया गया, जिससे कोर्ट में मामला न फंसने पाए। इससे साफ है कि नगर विकास विभाग सीटों का आरक्ष्ण कर जल्द चुनावी प्रक्रिया पूरी करना चाहता है।
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