उत्तरप्रदेशकानपुर देहातफ्रेश न्यूज

परिषदीय विद्यालयों में बढ़ी मूलभूत सुविधाएं

बेसिक शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग को नया लक्ष्य दिया है। इसके तहत दिसंबर तक राज्य में 44 हजार प्राइमरी विद्यालयों को निपुण विद्यालय का दर्जा हासिल करना होगा। साथ ही प्रत्येक जिले में एक निपुण ब्लॉक भी तैयार करना होगा। इस प्रकार से कुल 75 निपुण ब्लॉक बनाने का लक्ष्य दिया गया है। निर्धारित लक्ष्य को हासिल ना करने वाली बेसिक शिक्षा अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी.

Story Highlights
  • स्कूलों के कायाकल्प के लिए दी गई भारी-भरकम धनराशि

कानपुर देहात। बेसिक शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग को नया लक्ष्य दिया है। इसके तहत दिसंबर तक राज्य में 44 हजार प्राइमरी विद्यालयों को निपुण विद्यालय का दर्जा हासिल करना होगा। साथ ही प्रत्येक जिले में एक निपुण ब्लॉक भी तैयार करना होगा। इस प्रकार से कुल 75 निपुण ब्लॉक बनाने का लक्ष्य दिया गया है। निर्धारित लक्ष्य को हासिल ना करने वाली बेसिक शिक्षा अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी। प्रदेश के 1.39 लाख परिषदीय विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं बढ़ी हैं इसके लिए सरकार कायाकल्प के तहत प्रत्येक विद्यालय को लाखों रुपए प्रत्येक वर्ष ग्रांट जारी कर रही है।

योगी सरकार ने बेसिक शिक्षा में आमूलचूल बदलाव किया है। पिछले छह वर्षों में सरकार के प्रयासों से स्कूलों की न सिर्फ दशा और दिशा सुधरी है बल्कि स्कूलों में संसाधनों के साथ सुविधाएं भी बढ़ी हैं। पढ़ाई बेहतर हुई तो इन स्कूलों में बच्चों का नामांकन साल दर साल बढ़ते हुए 1.92 करोड़ तक पहुंच गया है। इन स्कूलों में बच्चों को तकनीकी से जोड़ने के लिए डिजिटल शिक्षा पर भी फोकस किया जा रहा है। प्रदेश में अभी 20 हजार स्कूलों में स्मार्ट क्लास और रिमोट लर्निंग सिस्टम के जरिये पढ़ाई हो रही है जबकि 3879 और स्कूलों में जल्द ही स्मार्ट क्लास सेटअप लगने वाले हैं। प्रदेश सरकार की मंशा साफ है कि गुणयुक्त शिक्षा के साथ ही सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी कॉन्वेंट स्कूलों के बच्चों को टक्कर दे सके।

प्राइवेट स्कूलों को मात दे रहे परिषदीय विद्यालय- प्रदेश सरकार ने ऑपरेशन कायाकल्प के जरिये जहां 1.39 लाख परिषदीय विद्यालयों में छात्रों के लिए मूलभूत सुविधाओं को मढ़ाया है वहीं सैकड़ों स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाने का काम भी किया है। निजी स्कूलों की तरह यहां पर बच्चों की बेहतर पढ़ाई के लिए हर तरह की सुविधाएं मौजूद हैं। स्मार्ट क्लास रूम, खेलने के लिए मैदान, लाइब्रेरी व बेहतर कक्षाओं के साथ हर तरह की सुविधा छात्रों को दी जा रही हैं। सरकार ने प्राथमिक स्कूलों को सुविधाएं दी तो पढ़ाई अच्छी हुई जिससे छात्र संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। अभिभावक महंगे निजी स्कूल चुनने के बजाए अपने बच्चों का दाखिला परिषदीय विद्यालयों में करा रहे हैं।

आपरेशन कायाकल्प से विद्यालयों की बदली सूरत-
प्रदेश सरकार ने ऑपरेशन कायाकल्प के जरिये परिषदीय विद्यालयों के शैक्षणिक माहौल को बदल कर रख दिया है। गरीबों के बच्चे भी अब अंग्रेजी मीडियम स्कूलों की तरह परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं। औसतन हर जिले में 12 से 15 स्कूलों को निजी स्कूलों की तरह डेवलप किया गया है। कई जिलों में तो 20 से 25 स्कूल निजी स्कूलों की तरह विकसित किए जा चुके हैं।

anas quraishi
Author: anas quraishi

SABSE PAHLE

Related Articles

AD
Back to top button