कानपुर देहात

परिषदीय शिक्षकों के अवशेष वेतन भुगतान (एरियर) में ढिलाई बरत रहा लेखा कार्यालय

बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का वेतन भले ही ऑनलाइन आ रहा हो लेकिन यह पूरी प्रक्रिया अभी भी बाबुओं की कठपुतली बनी हुई है, बिना चढ़ावा के आप बाबुओं से कोई काम नहीं करा सकते हैं।

अमन यात्रा , कानपुर देहात। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का वेतन भले ही ऑनलाइन आ रहा हो लेकिन यह पूरी प्रक्रिया अभी भी बाबुओं की कठपुतली बनी हुई है, बिना चढ़ावा के आप बाबुओं से कोई काम नहीं करा सकते हैं। पारदर्शिता के तहत विभाग ने मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से उपस्थिति भेजने एवं सभी प्रकार के देयकों जैसे एरियर आदि भेजने के निर्देश दिए थे। इसमें कागज पर वेतन बनाने और पत्राचार करने की जरूरत नहीं रहती है।

परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रदेश में करीब छह लाख शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशक कार्यरत हैं। इसके अलावा शिक्षणेत्तर कर्मचारी (अनुचर) आदि तैनात हैं। पहले सभी विद्यालयों से शिक्षक व अन्य की हाजिरी पावना नामक पत्रक के माध्यम से विकासखंड मुख्यालय पर भेजी जाती रही है। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय वेतन भुगतान के लिए पत्रक तैयार करता था, वहां से वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय को पावना पत्रक भेजा जाता था। इसमें कई शिकायतें होती थी कही शिक्षकों का बेसिक वेतन नहीं बढ़ा, इनकम टैक्स ज्यादा काट लिया गया या छुट्टियों का आकलन सही से नहीं हुआ आदि शिकायतें होती रही थीं। शिक्षकों की शिकायतों का संज्ञान लेकर बेसिक शिक्षा विभाग ने मानव संपदा पोर्टल पर ही पे रोल माड्यूल तैयार किया। इसमें विद्यालय के प्रधानाध्यापक या शिक्षक पोर्टल पर शिक्षकों की उपस्थिति अपलोड करते हैं। खंड शिक्षा अधिकारी को भी लागइन दी गई है। वे उसे देखकर और यदि छुट्टियां व अन्य कोई कार्यवाही है तो उसका उल्लेख करके फारवर्ड करते हैं।

 

इसके बाद वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय प्रतिमाह वेतन तैयार करता है। इस प्रक्रिया में कागज का उपयोग नहीं होता है, वहीं फर्जी पैन नंबर, बैंक खाता संख्या की गड़बड़ी आदि नहीं होती क्योंकि शिक्षकों का सारा विवरण विभाग के पास पहले से उपलब्ध है। यह सब कुछ होने के बावजूद लेखा कार्यालय में लेखा बाबू बिना लिए दिए कुछ नहीं करते हैं जनपद के 175 शिक्षकाें के एरियर पेंडिंग हैं इस बाबत महानिदेशक विजय किरन आनंद ने सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए जल्द से जल्द सभी प्रकार के भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। सबसे अधिक बांदा-329, हरदोई-256, रायबरेली-184 एवं कानपुर देहात-175 पेंडिग एरियर हैं। इस कार्य को करने में जनपद सबसे फिसड्डी साबित हो रहा है। अब देखना यह है कि विभाग में महानिदेशक के आदेश का कितना असर दिखाई देता है।

Author: AMAN YATRA

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