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परिषदीय शिक्षकों के छुट्टी लेने के नियमों में हुआ बड़ा बदलाव

परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं अन्य कार्मिकों के अवकाश लिए जाने के प्रावधानों में बड़ा परिवर्तन किया गया है। नई व्यवस्था के तहत अब इनको निर्बंधित अवकाश, प्रतिकर अवकाश, अध्ययन अवकाश नहीं मिलेगा।

Story Highlights
  • अवकाश आवेदन में शपथ पत्र व्यवस्था समाप्त
  • शिक्षकों के प्रतिकर अवकाश पर चला चाबुक, नहीं मिलेगा प्रतिकर अवकाश
  • 1 वर्ष में मात्र 3 बार ही ले सकते हैं बाल्य देखभाल अवकाश

लखनऊ/ कानपुर देहात। परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं अन्य कार्मिकों के अवकाश लिए जाने के प्रावधानों में बड़ा परिवर्तन किया गया है। नई व्यवस्था के तहत अब इनको निर्बंधित अवकाश, प्रतिकर अवकाश, अध्ययन अवकाश नहीं मिलेगा। ऐसे अवकाश स्वीकृत करने वाले संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। ग्रीष्मावकाश /शीतावकाश में सक्षम अधिकारी (शासन/राज्य स्तर) के आदेश पर कार्य किये जाने के सापेक्ष अर्जित/उपार्जित अवकाश दिया जायेगा। इसमें ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बाल्य देखभाल अवकाश एक बार में 30 दिन से अधिक का स्वीकृत नहीं किया जा सकेगा। एक वर्ष में अधिकतम 3 बार ही बाल्य देखभाल अवकाश लिया जा सकता है। बता दें बच्चों की देखभाल माता पिता के लिए एक महत्वपूर्ण जिम्मेंदरी होती है। साथ ही बच्चे के लिए भी यह आवश्यक है कि जब उन्हें जरूरत हो उनकी सही देखभाल हो लेकिन सरकारी नौकरी के साथ यह निभा पाना कठिन हो जाता है। इसी को देखते हुए सरकार ने चाइल्ड केयर लीव का प्रावधान किया है। महिला कर्मी या एकल पुरुष कर्मी को अपने पूरे सेवाकाल में अपने पहले दो अवयस्क बच्चों (18 वर्ष से कम) की देखभाल, शिक्षा या हेल्थ आदि जरूरतों के लिए 730 दिनों का वेतन सहित चाइल्ड केअर लीव मिलता है।

कई शिक्षिकाएं एक बार में कई-कई माह का बाल्य देखभाल अवकाश ले लेती थीं लेकिन अब इसमें सुधार कर दिया गया है। यह छुट्टी अधिकार के तौर पर नहीं मांगी जा सकती। छुट्टी देने वाले सक्षम पदाधिकारी की स्वीकृति के बाद ही छुट्टी पर जाया जा सकता है। चाइल्ड केअर लीव एक साल में 3 बार से अधिक नहीं दी जा सकती है। एक बार में चाइल्ड केअर लीव 5 दिनों से कम नहीं दी जाएगी। इसके अलावा एक बार में सिर्फ 30 दिन की चाइल्ड केयर लीव ही दी जा सकेगी। चाइल्ड केअर लीव के बीच पड़ने वाले रविवार, राजपत्रित अवकाश आदि को भी छुट्टी में जोड़ा जायेगा। इसके साथ ही एक अन्य महत्वपूर्ण परिवर्तन भी किया गया है अब किसी भी प्रकार के अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र के साथ शिक्षकों को शपथ पत्र नहीं देना होगा। मेडिकल अवकाश के लिए किसी भी पंजीकृत डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन को स्वीकार किया जाएगा, जिला अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर की अनिवार्यता नहीं होगी लेकिन बिना पंजीकृत डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन के बगैर मेडिकल अवकाश स्वीकृत नहीं होगा।

बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने बताया कि नया शासनादेश जारी हुआ है जिसके तहत कुछ बदलाव हुए हैं। अब नवीन आदेश के तहत अवकाश स्वीकृत किए जाएंगे इस हेतु सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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