परिषदीय स्कूलों पर सरकार मेहरबान, किचेन के बर्तन खरीदने के लिए बढ़ाई धनराशि
वर्तमान में सरकारी स्कूलों पर सरकार मेहरबान है। शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए हर तरह से जतन कर रही है। सैकड़ों सुविधाएं परिषदीय स्कूलों के छात्रों को मुहैया करा रही है, साथ ही इन योजनाओं में खरबों रूपये व्यय कर रही है। परिषदीय विद्यालयों में अब आदर्श रसोई घर बनाया जायेगा।

- मध्यान्ह भोजन योजना के तहत छात्र संख्या के आधार पर परिषदीय स्कूलों में खरीदे जाएंगे बर्तन
कानपुर देहात : वर्तमान में सरकारी स्कूलों पर सरकार मेहरबान है। शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए हर तरह से जतन कर रही है। सैकड़ों सुविधाएं परिषदीय स्कूलों के छात्रों को मुहैया करा रही है, साथ ही इन योजनाओं में खरबों रूपये व्यय कर रही है। परिषदीय विद्यालयों में अब आदर्श रसोई घर बनाया जायेगा। रसोई मद में बदलाव किया गया है। मध्यान्ह भोजन योजना के तहत बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों को अब बर्तन खरीद में आसानी होगी क्योंकि अब बच्चों की संख्या के आधार पर विद्यालयों को धन दिया जाएगा ताकि बच्चों को भोजन परोसने के लिए बर्तन व अन्य सुविधाएं मिल सकें।
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मध्यान्ह भोजन योजना के तहत विद्यालयों की रसोई को अब आदर्श बनाया जाएगा। केंद्र सरकार 2006-07 से अब तक प्रति विद्यालय पांच हजार रुपये बर्तन के लिए मुहैया कराती रही है। अब बर्तन के लिए नियमों में संशोधन किया गया है। इसमें विद्यालयों में छात्र संख्या के आधार पर धनराशि मुहैया कराई जाएगी। नई व्यवस्था के अनुसार 50 छात्र संख्या तक वाले विद्यालयों को 10 हजार रुपये, 150 छात्र संख्या तक 15 हजार रुपये, 250 छात्र संख्या तक 20 हजार रुपये और 250 से अधिक संख्या होने पर 25 हजार रुपये विद्यालय को दिए जाएंगे। अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों को अधिक बजट मिलेगा। जिले में खाना पकाने और बच्चों को भोजन परोसने वाले बर्तनों की खरीद के लिए बजट का आवंटन शासन से कर दिया गया है। ऐसे में स्कूलों में मिड डे मील योजना को और भी गति मिल सकेगी, मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की तरफ से बजट जारी करते हुए इससे जुड़े निर्देश भी दिए गए हैं। इन्हीं नियमों के तहत बर्तनों की खरीद की जाएगी।
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