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परिषदीय स्कूलों में छात्र नामांकन बढ़ाने पर जोर

स्कूल न आने वाले बच्चों का परिषदीय स्कूलों में दाखिला कराने के लिए एसएचएआरडीए (शारदा) यानी हर दिन स्कूल आएं अभियान को गति दी जाएगी। इसके लिए महानिदेशक ने सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं

Story Highlights
  • हर दिन स्कूल आएं (शारदा) अभियान को दी जाएगी गति
  • 17 जून से चिह्नित किए जाएंगे ऐसे बच्चे, तैयारी हुई शुरू

लखनऊ/ कानपुर देहात। स्कूल न आने वाले बच्चों का परिषदीय स्कूलों में दाखिला कराने के लिए एसएचएआरडीए (शारदा) यानी हर दिन स्कूल आएं अभियान को गति दी जाएगी। इसके लिए महानिदेशक ने सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। प्रदेश के 1.34 लाख परिषदीय स्कूलों में पिछले शैक्षिक सत्र में 1.92 करोड़ विद्यार्थी पढ़ रहे थे। बेसिक शिक्षा विभाग इस आंकड़े को दो करोड़ पहुंचाने के प्रयास में है। छह वर्ष से 14 वर्ष तक की आयु के ऐसे बच्चे जो किन्हीं कारणों से स्कूल नहीं जा पा रहे उनका प्रवेश कराया जाएगा। कक्षा एक से कक्षा आठ तक इनका प्रवेश योग्यता के आधार पर होगा।

विद्यार्थियों को आधारभूत ज्ञान देने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाया जाएगा। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा एमकेएस सुंदरम की ओर से इस वर्ष दो चरणों में अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। पहले चरण में 17 जून से 16 जुलाई तक और दूसरे चरण में एक अगस्त से महीने भर का अभियान चलेगा। परिषदीय स्कूलों के शिक्षक लोगों के घर और आसपास ईंट के भट्ठे, ढाबा व होटल इत्यादि में ऐसे बच्चे चिह्नित करेंगे जो विद्यालय नहीं आ रहे हैं। बच्चों को दो वर्गों में विभाजित किया जाएगा। पहला ऐसे बच्चे जो आज तक विद्यालय गए ही नहीं और दूसरा ऐसे बच्चे जिन्होंने किन्हीं कारणों से पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी।

तमाम बच्चे अपने छोटे भाई-बहनों की देखरेख के कारण स्कूल नहीं जा पाते। उनके माता-पिता को खेत या फिर कहीं और मजदूरी करने जाना होता है। ऐसे अभिभावकों को शिक्षक समझाएंगे कि अब छोटे बच्चों के लिए परिषदीय स्कूलों के परिसर में ही प्री-प्राइमरी स्कूल भी चलाए जा रहे हैं। मिड डे मील के साथ-साथ उन्हें तमाम नि:शुल्क सुविधाएं दी जा रही हैं।

anas quraishi
Author: anas quraishi

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