परिषदीय स्कूलों में संसाधन और  सुविधाएं बढ़ने के साथ ही चोरों का डाका

प्रदेश के  परिषदीय स्कूल बीते कई दशकों से चोरों से मुकाबला कर रहे हैं लेकिन न तो चोर पकड़े जाते हैं और न ही इन विद्यालयों में चौकीदारों की तैनाती की जाती है। जैसे जैसे स्कूलों में सुविधाएं बढ़ती जा रही हैं वैसे ही चोरी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।

कानपुर देहात,अमन यात्रा  : प्रदेश के  परिषदीय स्कूल बीते कई दशकों से चोरों से मुकाबला कर रहे हैं लेकिन न तो चोर पकड़े जाते हैं और न ही इन विद्यालयों में चौकीदारों की तैनाती की जाती है। जैसे जैसे स्कूलों में सुविधाएं बढ़ती जा रही हैं वैसे ही चोरी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।

घटनाओं की एफआईआर तक नहीं होती दर्ज-

बिडंबना है कि परिषदीय स्कूलों में हुई चोरी की घटनाओं को पुलिस गंभीरता से नहीं लेती। अपने क्राइम रिकार्ड को सेहतमंद रखने के लिए इन घटनाओं के सम्बन्ध में मुकदमा तक दर्ज नहीं होता खुलासा तो दूर की कौड़ी है। एफआईआर न होने पर हेडमास्टर या तो ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराते हैं या फिर तहरीर पर मुहर लगवाकर सबूत के तौर पर रख लेते हैं।

सरकार सुविधाएं देती, चोर चुरा लेते- 

परिषदीय स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की स्थापना के लिए सरकार ने गैस सिलेण्डर, चूल्हा, बर्तन, बच्चों के खेल हेतु खेल सामग्री, कंप्यूटर शिक्षा के लिए कंप्यूटर, एमडीएम हेतु गेहूं-चावल, सबमर्सिबल पंप, सोलर पैनल, पंखे और अन्य तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराती है। तमाम स्कूलों में चोर इन सामानों पर हाथ साफ कर देते हैं। ऐसे में सरकार की मंशा धरातल पर सफल साबित नहीं हो रही है। शिक्षक भी इन चोरों की वजह से दहशत में रहते हैं कि कहीं उनके स्कूल का सामान फिर से चोरी न हो जाए। जनपद में कई ऐसे स्कूल हैं जहां कई कई बार चोरी हो चुकी है लेकिन कहीं पर भी चोर नहीं पकड़े गए।

ये भी पढ़े-  श्री राजाराम स्मारक सेवा समिति के तत्वाधान में नेत्र शिविर का आयोजन

बताते चलें बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में संपत्तियों की सुरक्षा और नियमित सफाई के लिए 4000 रूपये प्रतिमाह मानदेय पर चौकीदार / अनुचर नियुक्ति करने का प्रस्ताव महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने शासन को फरवरी 2020 में भेजा था। प्रस्ताव के मुताबिक चौकीदार/अनुचर के पद पर विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के अभिभावकों को वरीयता दी जानी थी। ऐसे इच्छुक अभ्यर्थियों में से परीक्षण के बाद 5 नामों का पैनल विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से जिला बेसिक शिक्षा को प्रेषित किया किया जाना था। इस पद की आरक्षण श्रेणी संबंधित ग्राम पंचायत के प्रधान के लिए चुनाव में आरक्षित श्रेणी के आधार पर रखने की बात कही गई थी। विद्यालयों में कर्मियों की व्यवस्था सेवा प्रदाता के माध्यम से बीएसए द्वारा की जानी थी लेकिन अबतक इस प्रस्ताव पर शासन ने अमल नहीं किया जिस कारण से आए दिन परिषदीय विद्यालयों में चोरियां होती रहती हैं।

Author: aman yatra

aman yatra

Recent Posts

परस्पर तबादला पाने वाले शिक्षकों को फटाफट बीएसए करें कार्यमुक्त, बेसिक शिक्षा परिषद ने जारी किया आदेश

लखनऊ/कानपुर देहात। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में जिले के अंदर परस्पर तबादला पाने वाले 9272…

3 hours ago

कानपुर देहात में युवक ने संदिग्ध परिस्थितियों में की आत्महत्या,परिजनों में मचा कोहराम

कानपुर देहात के रूरा कस्बे में बुधवार सुबह एक युवक ने संदिग्ध परिस्थितियों में पंखे…

4 hours ago

मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में 123 मरीजों का किया गया सफल उपचार

पुखरायां। भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के देवीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर…

3 days ago

शांति और सौहार्द के बीच मनाया गया बकरीद का पर्व

उरई, जालौन। जनपद जालौन में ईद-उल-अजहा (बकरीद) का पर्व इस बार भी पूरी शांति और…

3 days ago

निजी वाहनों के खिलाफ यात्री एवं मालकर अधिकारी स्मिता वर्मा का सघन चेकिंग अभियान

सुशील त्रिवेदी, कानपुर देहात। आज यात्री एवं मालकर अधिकारी कानपुर देहात श्रीमती स्मिता वर्मा ने…

3 days ago

UGC का ऐतिहासिक कदम: अब एक साथ प्राप्त की गई दो डिग्रियां होंगी पूरी तरह मान्य!

राजेश कटियार ,कानपुर देहात: देश में उच्च शिक्षा को अधिक लचीला और छात्र-केंद्रित बनाने की…

3 days ago

This website uses cookies.