पशुओं को इस संक्रामक बीमारी से बचाव हेतु किये जाए हर संभव प्रयास, वैक्सीनेशन कार्य में न बरती जाए लापरवाही : सीडीओ सौम्या
मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय की अध्यक्षता एवं निदेशक(रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र), पशुपालन विभाग, उत्तर प्रदेश लखनऊ डा० पी०के० सिंह की उपस्थिति में संक्रामक बीमारी लम्पी स्किन डिसीज के सम्बन्ध में विकास भवन सभागार में बैठक की गयी, बैठक में निदेशक महोदय द्वारा मुख्य विकास अधिकारी को अवगत करया गया कि लम्पी स्किन डिजीज एक गौवंशीय पशुओं में होने वाली विषाणु जनित बीमारी है।
- मुख्य पशु चिकित्साधिकारी बीमारी से बचाव हेतु जनपद के ग्रामों में अधिक से अधिक करवाएं वैक्सीनेशन:-निदेशक
अमन यात्रा ब्यूरो ,कानपुर देहात : मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय की अध्यक्षता एवं निदेशक(रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र), पशुपालन विभाग, उत्तर प्रदेश लखनऊ डा० पी०के० सिंह की उपस्थिति में संक्रामक बीमारी लम्पी स्किन डिसीज के सम्बन्ध में विकास भवन सभागार में बैठक की गयी, बैठक में निदेशक महोदय द्वारा मुख्य विकास अधिकारी को अवगत करया गया कि लम्पी स्किन डिजीज एक गौवंशीय पशुओं में होने वाली विषाणु जनित बीमारी है। वर्तमान समय में पूरे देश में इसका काफी प्रकोप फैला हुआ है अभी जनपद कानपुर देहात में भी इसके चार पोजिटिव केस पाये गये हैं यह प्रमुखतः मच्छरों, मक्खियों के काटने से फैलती है उन्होंने बताया कि इस बीमारी में गौवंशीय पशुओं के शरीर पर सिक्के के आकार की गॉठे दिखाई देने लगती हैं साथ में पशु को बुखार भी आता है। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा यह निर्देश दिए गए कि जनपद के बाहरी सीमा में ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन किया जाए साथ ही वैक्सीनेशन कार्य को गति देते हुए जनपद के सभी ग्रामों में भी वैक्सीनेशन कराया जाए। उन्होंने कहा कि शासनादेश में दिए गए निर्देशों के अनुसार इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिये जनपद में पशुओं के परिवहन पर पूर्णतः रोक लगायी गयी है साथ ही साथ जनपदीय सीमा के भीतर आयोजित होने वाले सभी पशु बाजारों एवं पशु मेलों पर प्रतिबन्ध लागाया गया है अत: सम्बंधित उप जिलाधिकारी इस बात पर विशेष ध्यान दें कि कोई भी गौवंश जनपद की बाहरी सीमा से जनपद में प्रवेश न करने पाए एवं किसी भी प्रकार का पशु मेला न लगने पाए। उन्होंने कहा कि ग्रामवासियों को प्रचार प्रसार के माध्यम से अवगत कराया जाए कि इस बीमारी से पशुओं को बचाने हेतु उनके बॉधने के स्थान पर पूर्णतः साफ-सफाई रखी जाए, गोबर गन्दगी इत्यादि एकत्रित न होने दिया जाए, समय-समय पर मक्खी, मच्छरों से बचाव हेतु नीम के पत्तों का धुऑ पशुओं के पास किया जाए। साथ ही जब पशुपालन विभाग की टीकाकरण टीम इस बीमारी का टीका लगाने हेतु आपके दरवाजे पर आये तो अपने गौवंशीय पशुओं का टीकाकरण अवश्य करायें साथ ही यदि कोई भी गौवंशीय पशु जिसके शरीर पर गॉठों जैसे लक्षण हों तो नजदीकी पशु चिकित्सालय/पशु सेवा केन्द्र को अवश्य अवगत करायें। निदेशक पशुपालन विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में निदेशालय स्तर पर पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध है अत: वैक्सीनेशन कार्य में लापरवाही न बरती जाए एवं जयाद से ज्यादा टीकाकरण कराया जाए। बैठक में समस्त उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी/पशु चिकित्साधिकारी, समस्त उपजिलाधिकारी, समस्त खंड विकास अधिकारी, समस्त अधिशाषी अधिकारी आदि अधिकारीगण उपस्थित रहे।