मेरठ,अमन यात्रा । पश्चिम उप्र के मुस्लिम राजनीति में अपनी अलग पहचान रखने वाले पूर्व सांसद शाहिद अखलाक असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी का दामन थामने जा रहे हैं। उन्हें जल्द ही ओवैसी मेरठ आकर बड़ी जिम्मेदारी देने वाले हैं। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि विधानसभा चुनाव 2022 के लिए टिकट बंटवारे में पश्चिम उप्र में अखलाक की खास भूमिका रहेगी।
चुनौती देने की तैयारी
मेरठ के बड़े मांस व्यापारी व मुस्लिम नेता शाहिद अखलाक फिलहाल किसी पार्टी में नहीं हैं। बसपा से निष्कासित होने के बाद लंबे समय तक वह फिर से सांसद के टिकट के साथ वापसी की तैयारी में थे लेकिन ऐसा हो नहीं हो सका। सपा में उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के आगे शाहिद मंजूर आड़े आ जाते थे। ऐसे में अब अखलाक ने अपनी अलग राह बनाते हुए दोनों दलों को चुनौती देने की तैयारी कर ली है।
शाहिद अखलाक के पिता हाजी अखलाक शहर विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं। खुद शाहिद अखलाक वर्ष 2000 में मेरठ के महापौर रहे। इसके बाद 2004 से 2009 तक बसपा के टिकट पर मेरठ के सांसद रहे। वर्ष 2006 में सपा में आए लेकिन कुछ समय बाद फिर बसपा में वापसी की। 2014 का लोकसभा चुनाव उन्होंने बसपा के टिकट से लड़ा। इसके कुछ समय विवाद के चलते उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। 2009 के लोकसभा चुनाव में सपा से टिकट न मिलने पर अखलाक ने खुद की पार्टी बना ली। नाम रखा सेकुलर एकता पार्टी। लेकिन इस पार्टी से वह खास राजनीतिक प्रदर्शन नहीं कर पाए इसलिए बसपा में वापसी कर ली थी।
मैंने फेसबुक के माध्यम से लोगों से राय मांगी है। अभी किसी पार्टी में जाने का निर्णय तो नहीं लिया है लेकिन सभी से सलाह करने के बाद कदम उठाऊंगा। मुस्लिम अपनी पहचान बनाएगा। किसी का वोट बैंक बन कर या फिर दरी उठाने के काम नहीं आएगा।