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पहला राज्य शिक्षा उपलब्धि सर्वेक्षण 3 नवंबर को होगा आयोजित
राष्ट्रीय मूल्यांकन नियामक परख द्वारा पहला राज्य शिक्षा उपलब्धि सर्वेक्षण 3 नवंबर 2023 को किया जाएगा और इसमें देश भर के 1.1 करोड़ विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। विभिन्न राज्यों में किए जाने वाले इस सर्वेक्षण का उद्देश्य शिक्षा के उन क्षेत्रों की पहचान करना है जहां सुधार की जरूरत है और इसमें ब्लॉक स्तर तक के स्कूलों के विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा।
- उत्तर प्रदेश के 60500 विद्यालयों में होगा स्टेट एजुकेशनल अचीवमेंट सर्वे
कानपुर देहात। राष्ट्रीय मूल्यांकन नियामक परख द्वारा पहला राज्य शिक्षा उपलब्धि सर्वेक्षण 3 नवंबर 2023 को किया जाएगा और इसमें देश भर के 1.1 करोड़ विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। विभिन्न राज्यों में किए जाने वाले इस सर्वेक्षण का उद्देश्य शिक्षा के उन क्षेत्रों की पहचान करना है जहां सुधार की जरूरत है और इसमें ब्लॉक स्तर तक के स्कूलों के विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा। यह शिक्षा मंत्रालय के वार्षिक राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) से पहले किया जाने वाले सर्वेक्षण है।मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने कहा कि यह प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा एवं समग्र विकास के लिए ज्ञान का विश्लेषण (परख) द्वारा कराए जाने वाला पहला सर्वेक्षण होगा।
परख एनसीईआरटी के तहत आने वाला एक संगठन है। परख को राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूल बोर्डों को एक साझा स्तर पर लाने का जिम्मा सौंपा गया है। राज्य शिक्षा उपलब्धि सर्वेक्षण 2023 तीन नवंबर को निर्धारित है। इस सर्वेक्षण की योजना इस तरह से बनाई गई है कि यह तीसरी, छठी और नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए सीखने के मानकों को बढ़ाए। ब्लॉक स्तर पर संचालित होने वाले इस सर्वेक्षण में शिक्षा के मूलभूत, प्रारंभिक और मध्य चरणों तक की दक्षताओं की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।
इस बाबत महानिदेशक विजय किरन आनंद ने सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों एवं डायट प्राचार्यों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं। उत्तर प्रदेश के 60500 विद्यालयों में एजुकेशनल अचीवमेंट सर्वे किया जाएगा।
बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने बताया कि स्टेट एजुकेशन अचीवमेंट सर्वे के आधार पर जहां छात्रों के सीखने की क्षमता की पहचान की जाएगी, वहीं इसके आधार पर उनकी जरूरत को देखते हुए नए-नए कार्यक्रम भी तैयार किए जाएंगे। इनमें प्रत्येक ब्लॉक के छात्रों की जरूरतों को ध्यान में रख कर पूरी योजना तैयार की जाएगी।
इसके साथ ही यह पहल शिक्षा मंत्रालय द्वारा हर साल कराए जाने वाले नेशनल अचीवमेंट सर्वे (एनएएस) को आगे बढ़ाने वाला होगा जिसका आयोजन जिला स्तर पर किया जाता है। इनमें स्कूलों के तीसरी, पांचवीं, आठवीं और दसवीं के छात्र शामिल होते हैं। वहीं इस नए सर्वे के तहत छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर उन सभी क्षेत्रों में गुणवत्ता को मजबूत बनाने का अभियान चलाया जाएगा। जरूरत पड़ने पर उस क्षेत्र के शिक्षकों को भी विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।