अमन यात्रा, कानपुर देहात। शिक्षा के क्षेत्र में पिछले कुछ सालों में सरकार ने कई तरह के बदलाव किए हैं। कॉमन यूनिवर्सिटीज एंट्रेंस टेस्ट और न्यू एजुकेशन पॉलिसी इसके उदाहरण हैं। इन्हीं नए बदलावों की कड़ी में सरकार ने एक और फैसला लिया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पहली कक्षा में एडमिशन के लिए उम्र सीमा तय कर दी है। सरकार के निर्देशों के मुताबिक पहली कक्षा में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र छह साल होनी चाहिए।
सरकार द्वारा जारी किए गए इस नए नियम को लेकर छात्रों के पेरेंट्स के मन में कई तरह के सवाल थे। इसमें सबसे बड़ा सवाल उम्र को लेकर था। अब सरकार ने कह दिया है कि जब पेरेंट्स अपने बच्चे का पहली कक्षा में एडमिशन कराएंगे तब उसकी उम्र छह साल होनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार बुनियादी शिक्षा यानी फाउंटेश्नल लर्निंग पर जोर दे रही है। मतलब बच्चे को शुरुआती सालों से ही सिखाना शुरू कर दिया जाएगा। पॉलिसी में तीन से पांच वर्ष की आयु के बच्चों की पढ़ाई आंगनबाड़ी की वर्तमान व्यवस्था से ही होगी फिर पांच से छह साल की उम्र में बच्चे को स्कूली शिक्षा से जोड़ा जाएगा। इसमें इंटीग्रेटेड लर्निंग और खेल आधारित पाठ्यक्रम के माध्यम से बच्चो को शिक्षा दी जाएगी। ये करिकुलम एनसीईआरटी द्वारा तैयार किया जाएगा।
6 साल की उम्र में कक्षा एक में करा सकते हैं प्रवेश-
अगर आपके बच्चे ने नर्सरी की पढ़ाई कर ली है तो आप उसे 6 वर्ष की उम्र में कक्षा एक में प्रवेश दिला सकते हैं। इससे कम उम्र में बच्चों को कक्षा एक में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसको लेकर बीते दिनों केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश भी जारी किया था जिसमें कहा गया था कि कोई भी राज्य कक्षा एक में 6 साल से कम उम्र में एडमिशन न दें। शिक्षाविदों की मानें तो कम उम्र में कक्षा एक में एडमिशन के चलते बच्चों पर दबाव ज्यादा होता था जिसकी वजह से उनकी पढ़ाई प्रभावित होती थी। इसके चलते वे अच्छा प्रदर्शन भी नहीं कर पाते थे। वहीं इस उम्र में एडमिशन लेने वाले बच्चों का प्रदर्शन भी आगे की कक्षाओं में 6 साल में प्रवेश लेने वाले बच्चों से कम होता था। इसके अलावा इस नियम के लागू होने से सभी राज्यों में एक ही आयु में बच्चों को एडमिशन मिलेगा। यही वजह है कि शिक्षा विभाग ने कक्षा एक में एडमिशन के लिए 6 वर्ष की उम्र निर्धारित की है। हालांकि देश में कई राज्य ऐसे भी हैं जहां पर पहले से ही बच्चों को कक्षा पहली में 6 वर्ष की उम्र में ही प्रवेश दिया जाता है।
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