पाकिस्तान

पाकिस्तान की राबिया नाज का कमाल, यूट्यूब की आमदनी से बनाया अपने सपनों का आशियाना

पाकिस्तान में बहुत सारे लोगों के लिए अपना घर बनाना किसी सपने का सच होने जैसा है, ऐसे में मात्र यूट्यूब की कमाई से एक लड़की ने अपने दो कमरे का मकान खड़ा कर लिया.

पाकिस्तान में बहुत सारे लोगों के लिए अपना घर बनाना किसी सपने का सच होने जैसा है, ऐसे में मात्र यूट्यूब की कमाई से एक लड़की ने अपने दो कमरे का मकान खड़ा कर लिया. सिर्फ 12वीं तक पढ़ाई करनेवाली राबिया नाज सफलतापूर्वक यूट्यूब चैनल ‘फैशन एडिक्शन’ के नाम से चला रही है. सिंध प्रांत के खैरपुर की रहनेवाली 25 वर्षीय राबिया चैनल पर अपने 1 लाख 60 हजार सब्सक्राइबर्स के लिए रोजाना एक नया वीडियो पोस्ट करती है.

राबिया बताती है, “यूट्यूब को देखते हुए बड़े होना एक दिन खुद का चैनल शुरू करना मेरा सपना बन गया. अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए मैंने स्वेच्छा से पढ़ाई छोड़ दी और इस तरह 2019 में फैशन एडिक्शन वजूद में आया.” राबिया ने कहा, “यूट्यूब पर वीडियो बनाने के लिए मैंने ज्यादातर इंटरनेट से सीखा है. सभी तरह की सहायता और प्रशिक्षण प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है. मेरे भाइयों ने वीडियो एडिट करना सीखाया और कंटेट निर्माण और बाकी बारीकी मैंने खुद से समझी.”

25 वर्षीय पाकिस्तानी बच्ची का अद्भुत कारनामा

बिजली, इंटरनेट आपूर्ति की चुनौतियों और मुश्किलों के बावजूद नाज रोजाना कम से कम एक वीडियो अपने चैनल पर अपलोड करने में सक्षम हो जाती है. वीडियो पोस्ट करने से पहले नाज रिसर्च कर पता लगाती है कि आज ट्रेंड में क्या है और लोग क्या तलाश कर रहे हैं. फैशन के प्रति अपने जुनून के कारण उसने कपड़ों की सिलाई भी सीख ली है, और ये काम खुशी से अपने परिवार के लिए करती है.

सभी काम के लिए कंपनियों के पास हजारों लोग होते हैं, लेकिन राबिया अपने चैनल के लिए ‘वन मैन आर्मी’ है. चैनल के एक लाख सब्सक्राइबर्स होने के बाद राबिया नाज को यूट्यूब की तरफ से शिष्टाचार के रूप में सिल्वर प्ले बटन भी मिला है. सबसे पहले राबिया कई वेबसाइट्स को देखती है और तस्वीर डाउनलोड करती है. उसके बाद स्क्रिप्ट लिखती है, अगले चरण में वॉयस ओवर करती है. सॉफ्टवेयर की मदद से तस्वीरों के साथ सामंजस्य बिठाने और एडिटिंग करने में दो से ढाई घंटे लग जाते हैं.

यूट्यूब चैनल की कमाई से बनाया सपनों का घर

काम पूरा होने के बाद वीडियो को यूट्यूब पर अपलोड करने की बारी आती है. राबिया ने कहा, “खुद के चैनल और वीडियो बनाने के लिए मेरे पास साधारण स्मार्टफोन है, जिसे आज हर शख्स के शायद मौजूद पाया जा सकता है.” उसका कहना है कि उसके पास कंप्यूटर, टेबल या कुर्सी नहीं. राबिया अपना काम मात्र खाट पर बैठकर, दीवार के सहारे करती है. एक ऐसे वक्त में जबकि युवाओं को आम तौर से जरूरतें पूरी करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, खुद के लिए एक घर बनाने की कामयाबी निश्चुत रूप से प्रशंसनीय है.

Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE

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