पारस्परिक स्थानांतरण नीति का शिक्षक कर रहे हैं विरोध
लंबे इंतजार के बाद शुरू हुई अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण प्रक्रिया के तहत जनपद में 28 शिक्षक आएंगे और 28 शिक्षक ही यहां से स्थानांतरित होकर गैर जनपद जाएंगे। बेसिक शिक्षा विभाग अब गैर जनपदों से आने वाले शिक्षकों को रिलीव करने को लेकर संबंधित जनपदों से पत्राचार कर रहा है
- शिक्षको से मांगे गए थे आवेदन जनपद स्तर पर किंतु ट्रांसफर हुए स्कूल स्तर पर
कानपुर देहात। लंबे इंतजार के बाद शुरू हुई अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण प्रक्रिया के तहत जनपद में 28 शिक्षक आएंगे और 28 शिक्षक ही यहां से स्थानांतरित होकर गैर जनपद जाएंगे। बेसिक शिक्षा विभाग अब गैर जनपदों से आने वाले शिक्षकों को रिलीव करने को लेकर संबंधित जनपदों से पत्राचार कर रहा है। शासन ने अपने घर से दूर गैर जनपदों में शिक्षक की नौकरी करने वाले बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को अपने घर के पास जाने का मौका देते हुए अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू की थी। जिसके बाद जिले में प्रक्रिया शुरू हुई और आवेदन मांगे गए थे। इस प्रक्रिया में जनपद के 28 शिक्षकों ने पारस्परिक स्थानांतरण हेतु आवेदन किए थे।
कुछ शिक्षक कर रहे हैं विरोध-
अंतर्जनपदीय पारस्परिक तबादले के बाद स्थानान्तरित जिले में शिक्षकों के घर से स्कूल की दूरी 50-55 किमी होने की वजह से विवाद होने लगा है। शिक्षकों का कहना है कि आवेदन करते समय कहीं पर भी यह नहीं लिखा था कि स्थानांतरण स्कूल से स्कूल किए जाएंगे। इससे पहले जो भी स्थानांतरण हुए थे उनमें जिले से जिला आवंटित हुआ था। बाद में बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से काउंसिलिंग के बाद ऑनलाइन स्कूल आवंटन हुआ। शिक्षकों का कहना है कि जिले में स्कूल आवंटन बीएसए करते हैं लेकिन इस आदेश से स्कूल आवंटन सचिव ने कर दिया है। यदि स्कूल से स्कूल ही ट्रांसफर करना है तो नए जनपद में शिक्षकों की वरिष्ठता समाप्त नहीं होनी चाहिए। यही नहीं अभी तक जो भी अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण हुए हैं उसमें कार्यमुक्त होने की अनिवार्यता नहीं थी लेकिन इस बार सबको अनिवार्य रूप से कार्यमुक्त करने के आदेश दिए गए हैं जोकि सरासर गलत है।