पुखरायां में “संविधान हत्या दिवस” के रूप में मनाई गई आपातकाल की 50वीं बरसी: पालिकाध्यक्ष पूनम दिवाकर ने बताया लोकतंत्र पर ‘काला धब्बा’
आज पुखरायां में पालिकाध्यक्ष पूनम दिवाकर की अध्यक्षता में "संविधान हत्या दिवस" के रूप में आपातकाल के काले अध्याय की 50वीं बरसी मनाई गई।

- इंदिरा गांधी के आपातकाल की घोषणा और जयप्रकाश नारायण का 'सिंहासन खाली करो' नारा
- 19 महीने का 'काला धब्बा' और लोकतंत्र पर उसका प्रभाव
पुखरायां, कानपुर देहात — आज पुखरायां में पालिकाध्यक्ष पूनम दिवाकर की अध्यक्षता में “संविधान हत्या दिवस” के रूप में आपातकाल के काले अध्याय की 50वीं बरसी मनाई गई। यह कार्यक्रम कांग्रेस द्वारा 25 जून, 1975 की रात लगाए गए आपातकाल की याद में आयोजित किया गया। इस अवसर पर पालिकाध्यक्ष ने उस दौर की घटनाओं को याद करते हुए भारतीय लोकतंत्र के लिए इसे एक ‘काला धब्बा’ बताया।
पालिकाध्यक्ष पूनम दिवाकर ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि 25 जून, 1975 की रात को देश में आपातकाल लागू किया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जयप्रकाश नारायण (जेपी) के भाषण को इसका आधार बनाया था। 26 जून, 1975 की सुबह देश के नाम अपने संदेश में इंदिरा गांधी ने कहा था कि एक व्यक्ति सेना को विद्रोह के लिए भड़का रहा है, जो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है, इसलिए राष्ट्रपति ने आपातकाल लगा दिया है।
उन्होंने आगे बताया कि 25 जून, 1975 को दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई एक विशाल रैली में जेपी ने इंदिरा गांधी से इस्तीफे की मांग की थी। इस रैली में “सिंहासन खाली करो कि जनता आती है” का नारा गूंजा था। देश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे जयप्रकाश नारायण ने “संपूर्ण क्रांति” का नारा दिया था, जिसने देश में राजनीतिक उथल-पुथल मचा दी थी।
पालिकाध्यक्ष ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में आपातकाल एक ऐसा काला धब्बा है, जिसकी निशानियां आज भी महसूस की जाती हैं। उन्होंने बताया कि 26 जून, 1975 की सुबह इंदिरा गांधी ने रेडियो पर आपातकाल लगाने की घोषणा की थी, और करीब 19 महीने बाद 21 मार्च, 1977 को यह खत्म हुआ था।
इस मौके पर प्रमुख रूप से पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि करुणाशंकर दिवाकर, सभासद नफीस अहमद, शकील अहमद, कमलदीप, निर्भय, अखिलेश कुमार, कल्पना यादव, मुकेश कुमार, सहित पालिका के अवर अभियंता कैलाश, लिपिक जितेंद्र कुमार, अतुल पांडे, मनोज कुमार मिश्रा, धर्मेंद्र कुमार पाल, राकेश कुमार अग्रवाल, प्रमोद गुप्ता, सोनू, बृजेश सिंह, रामसिंह, सीमा देवी, करुणानिधि, मोनिका, आकाश कुमार और समस्त पालिका स्टाफ मौजूद रहा।
यह कार्यक्रम आपातकाल के दौर की याद दिलाता है और लोकतंत्र की रक्षा के महत्व को रेखांकित करता है।
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