पुखरायां : रामस्वरूप ग्राम उद्योग पीजी कालेज में धूमधाम से मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
डॉक्टर पर्वत सिंह ने इकाई को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम बहुत गौरव महसूस कर रहे हैं. महापुरुषों के द्वारा महिलाओं के उत्थान हेतु जो बात प्रमुख रूप से उठाई गई.
कानपुर देहात,अमन यात्रा : स्थानीय रामस्वरूप ग्राम उद्योग परास्नातक महाविद्यालय पुखरायां में आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एन.एस.एस द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया महिला दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ मुकेश चंद्र द्विवेदी डॉक्टर सविता गुप्ता डॉ हरीश कुमार सिंह डॉक्टर हेमेंद्र सिंह डॉक्टर आरपी चतुर्वेदी डॉक्टर पर्वत सिंह डॉ जितेंद्र कुमार डॉक्टर प्रबल प्रताप सिंह तोमर डॉ रविंद्र सिंह डॉ रमणीक श्रीवास्तव श्रीमती सुमन शुक्ला श्री संजय सिंह आदि उपस्थित रहे प्राचार्य डॉ मुकेश चंद्र द्विवेदी ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम विश्व पटल पर महिला दिवस मना रहे हैं.
जिसमें इतिहास के अनेक ऐसे संस्मरण जुड़े हैं जिनको याद कर हम कह सकते हैं कि आज महिलाओं की सामाजिक क्षेत्र में बढ़ती हुई भागीदारी उन इतिहास के पन्नों के संघर्षों का प्रतिफल है डॉक्टर हेमेंद्र सिंह ने कहा कि वर्ष 1905 से 1911 तक जबकि अमेरिका सहित यूरोप व अन्य देशों में विशेष रुप से श्रम संघों के द्वारा महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु जो प्रयास किए गए उसका प्रतिफल समाज में बढ़ती हुई महिलाओं की भागीदारी है .
डॉक्टर पर्वत सिंह ने इकाई को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम बहुत गौरव महसूस कर रहे हैं. महापुरुषों के द्वारा महिलाओं के उत्थान हेतु जो बात प्रमुख रूप से उठाई गई.
जिसमें चाहे सती प्रथा का अंत हो बाल विवाह का अंत हो या समान शिक्षा का अधिकार हो यह वह कार्य हैं जिन्होंने महिलाओं को आत्म बल प्रदान किया है आज आवश्यकता इस बात की है कि हम कितनी निडरता के साथ अपने अदम साहस का परिचय देते हुए अवसर पर लपक ले डॉ जितेंद्र कुमार ने कहा कि भारत के संविधान में निहित महिलाओं को जो अधिकार दिए गए हैं यदि उनका एक एक कर अध्ययन किया जाए तो शायद हमें कहीं से भी यह महसूस नहीं होगा कि इतने तमाम सारे अधिकार मिलने के बावजूद भी कहीं पर भी महिला अक्षम है.
डॉ हरीश कुमार सिंह ने इकाई को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम देख रहे हैं ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं भागीदारी में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है. यह महिला सशक्तिकरण की ओर एक बढ़ता हुआ कदम है डॉक्टर आरपी चतुर्वेदी ने वैदिक संस्कृति का उद्धरण देते हुए कहा कि हमारे अनेक धार्मिक ग्रंथों में महिलाएं बहुत सशक्त थी इसका प्रमाण मिलता है तथा शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी थी इसके उदाहरण के रूप में अपाला गार्गी जैसी विदुषी महिलाएं डॉ रमणीक श्रीवास्तव ने इकाई को संबोधित करते हुए कहा कि आधुनिक भारत में महिलाएं अनेक प्रशासनिक पदों सहित राजनीतिक पदों पर काबिज हैं जिसमें प्रमुख रुप से राष्ट्रपति राज्यपाल मुख्यमंत्री आदि पदों पर रही हैं इस अवसर पर अनेक छात्र छात्राओं ने भी अपने विचार प्रकट किए.