पुखरायां: श्रीमद्भागवत कथा में कलयुग की महिमा का वर्णन
मलासा विकासखंड के महोलिया गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन गुरुवार को सरस कथावाचक जिमी पाल चैतन्य ने श्रोताओं को कलयुग की महिमा की कथा सुनाई।

पुखरायां। मलासा विकासखंड के महोलिया गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन गुरुवार को सरस कथावाचक जिमी पाल चैतन्य ने श्रोताओं को कलयुग की महिमा की कथा सुनाई।
कलयुग में नाम जप से मोक्ष:
कथा का वर्णन करते हुए कथावाचक जिमी पाल चैतन्य ने कहा कि जब राजा परीक्षित ने देखा कि द्वापर युग का अंत होने को है और कलयुग नगर में प्रवेश करना चाहता है, तो वे उसे मार देना चाहते थे। लेकिन जब उन्हें पता चला कि कलयुग में केवल नाम की ही इतनी महिमा होगी कि मनुष्य को उद्धार के लिए अन्य युगों के जैसे बरसों का समय नहीं लगेगा, अपितु केवल नाम जप से ही वह संसार से मोक्ष पा जाएंगे, तो उन्होंने उसे जीवित छोड़ दिया।
राजा परीक्षित और कलयुग:
कथावाचक ने आगे बताया कि राजा परीक्षित ने कलयुग से वायदा किया कि जब तक वे जीवित हैं, तब तक वह उनके राज्यों में अपनी लीला नहीं दिखा सकेगा। कलयुग के बहुत विनती करने पर राजा परीक्षित ने उन्हें सोने, जुआ घरों और निर्वासित जगहों में रहने की अनुमति दी।
श्रोता हुए भावविभोर:
कथा को सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए। बड़ी संख्या में ग्रामवासी व क्षेत्रवासी कथा सुनने के लिए उपस्थित थे।
जवाबी कीर्तन का आयोजन:
आयोजक मंडल ने बताया कि कथास्थल पर 7 फरवरी को शाम 8 बजे से जवाबी कीर्तन का आयोजन किया जाएगा।
उपस्थित जन:
इस मौके पर परीक्षित, मथुरा प्रसाद फौजी, रामश्री, यदुवीर यादव, हरपाल, जयहिंद, चंद्रभान सिंह, अनूप श्रीवास्तव, सोनू गुप्ता, अजय यादव, सौरभ, जीतेंद्र यादव, लक्ष्मी, राखी, नीलम, शिवानी, रेशू, आरती, अनीता, प्रिया समेत बड़ी संख्या में ग्रामवासी व क्षेत्रवासी मौजूद रहे।
Discover more from अमन यात्रा
Subscribe to get the latest posts sent to your email.