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पुण्यतिथि पर याद किये गये पूर्व शिक्षाविद एवं बीआरसी यशशेष रामगोपाल शुक्ल

दक्षिण शहर के खाड़ेपुर योगेन्द्र विहार स्थित दीपांजलि समाजोत्थान समिति के कार्यालय में समिति के पूर्व संरक्षक, शिक्षाविद एवं सरवनखेड़ा ब्लॉक के पूर्व बीआरसी यशशेष श्री राम गोपाल शुक्ल की पांचवीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में पधारे नामचीन कवियों ने जहाँ भावपूर्ण रचनाएँ प्रस्तुत कीं वहीँ प्रबुद्धजनों ने यशशेष शुक्ल जी के जीवन पर प्रकाश डाला| 

Story Highlights
  • कवियों ने प्रस्तुत की भावपूर्ण रचनाएँ, प्रबुद्ध जनों ने डाला जीवन पर प्रकाश

कानपुर। दक्षिण शहर के खाड़ेपुर योगेन्द्र विहार स्थित दीपांजलि समाजोत्थान समिति के कार्यालय में समिति के पूर्व संरक्षक, शिक्षाविद एवं सरवनखेड़ा ब्लॉक के पूर्व बीआरसी यशशेष श्री राम गोपाल शुक्ल की पांचवीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में पधारे नामचीन कवियों ने जहाँ भावपूर्ण रचनाएँ प्रस्तुत कीं वहीँ प्रबुद्धजनों ने यशशेष शुक्ल जी के जीवन पर प्रकाश डाला|

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देर रात तक चले कार्यक्रम की शुरुआत यशशेष श्री राम गोपाल शुक्ल तथा उनकी सहधर्मिणी स्मृतिशेष श्रीमती श्रीदेवी शुक्ला के चित्र पर माल्यापर्ण, पुष्पार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलित करके हुई| दीपांजलि समाजोत्थान समिति के संस्थापक/महासचिव डॉ.दीपकुमार शुक्ल ने सभी आगन्तुकों का माल्यार्पण करके स्वागत सत्कार किया| तदोपरान्त वीररस के ख्यातिलब्ध कवि डॉ.राम नरेश सिंह चौहान की अध्यक्षता में प्रारम्भ हुई विचार एवं कवि गोष्ठी में कवि राजेन्द्र अवस्थी ने सरस्वती वन्दना ‘करूं वन्दना में कैसे वीणा बजाने वाली….’ की प्रस्तुत्ति से कविता का आगाज किया| उसके बाद कवि राघव दुबे ने श्रीमद्भागवतगीता पर आधारित अपने खण्ड काव्य के प्रमुख अंश सुनाकर जहाँ जीवन का यथार्थ रूप प्रस्तुत किया वहीँ मुक्तक ‘हम शब्द ब्रहम के साधक हैं साहित्य साधना करते हैं| अपने उत्कृष्ट सृजन से हम अपना परचम लहरायेंगे| शब्दों की पीड़ा लेकर हम साहित्य शिखर तक जायेंगे….’ सुनाकर खूब तालियाँ बटोरी| तत्पश्चात कवि सौमेन्द्र त्रिपाठी ने मुक्तक ‘नम हैं भीष्म और धृतराष्ट्र कृतार्थ हैं| उधड़ा पड़ा है चीर हर चुप्पी में स्वार्थ है|| जब मृत पड़ा हो प्रेम तब आँगन के बीच में इक दीवार आयेगी, बस यही सत्यार्थ है|’ के माध्यम से बिखरते परिवारों का सफल चित्रण करके लोगों को वाह के साथ आह कहने पर विवश कर दिया| कवि राजेन्द्र त्रिपाठी ने अपनी रचना ‘पढ़ाई ऑनलाइन है, यह जब बच्चे बताते हैं| पिताजी कर्ज लेकर उनको मोबाईल दिलाते हैं || बनाते रील लाखों मित्र सोशल मीडिया पर हैं| मगर आते नहीं बीमार बापू जब बुलाते हैं||’ सुनाकर नई पीढ़ी की दिशा और दशा का प्रभावशाली वर्णन किया| इनके बाद कवि अशोक शास्त्री ने अपनी कालजयी रचना ‘बेटी है सौगात ख़ुशी की, न पाये वह तरसे, ये हंसती तो लगता जैसे घर में मोती बरसे..’ के माध्यम से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का सन्देश दिया| तदोपरान्त डॉ.राम नरेश सिंह चौहान ने यशशेष श्री राम गोपाल शुक्ल से जुड़े अपने संस्मरण साझा करते हुए बताया कि यशशेष शुक्ल जी उनके गुरु थे तथा कई वर्षों तक दोनों लोगों ने आदर्श जूनियर हाई स्कूल लोहारी में साथ-साथ शिक्षण कार्य भी किया है| उन्होंने बताया कि श्री राम गोपाल शुक्ल मूल रूप से ग्राम मनेथू के निवासी थे तथा ईमानदार एवं कर्तव्यपरायण शिक्षक थे| दूसरों का भला करना उनके स्वभाव में था| जिसके कारण दूर दूर तक उनके आदर और सम्मान की प्रतिष्ठा थी| डॉ.चौहान ने बताया कि हमारा उनका सदैव पारिवारिक सम्बन्ध रहा हैं, यशशेष शुक्ल की पत्नी भी बहुत ही सरल निश्छल तथा निष्कपट ह्रदय की थीं| उन्होंने कहा कि ऐसे मातापिता के आशीर्वाद से पुत्र दीपकुमार शुक्ल साहित्य के क्षेत्र में, कला के क्षेत्र में और पत्रकारिता के क्षेत्र में निरन्तर प्रगति कर रहे हैं| इसके बाद डॉ.राम नरेश सिंह चौहान ने अपनी रचना ‘जो ताकतवर गरीबों के घरौंदे फोड़ देते हैं| तुम्हारी आँख के आंसू मेरा दिल तोड़ देते हैं| दौलत की बदौलत हर यहाँ सम्मान मिल जाते|…’ तथा ‘कदम कदम पर नागफनी की चारों ओर कतारें हैं| अहंकार नफरत की घर घर खिंची हुई तलवारे हैं…’ के द्वारा देश और समाज की वर्तमान दिशा और दशा का बखूबी चित्रण किया| यशशेष श्रीराम गोपाल शुक्ल के पुत्र पत्रकार एवं लक्ष्मण अभिनेता डॉ.दीपकुमार शुक्ल ने बताया कि खांसी की समस्या से ग्रसित पिताजी को 7 अगस्त 2021 को गल्ला मण्डी के निकट मन्नत हॉस्पिटल में भर्ती करवाया था| जिसके चिकित्सक डॉ.मनीष सचान ने स्वयं को सरकारी अस्पताल के.पी.एम. के डाक्टर के रूप में स्वयं को क्षेत्र में प्रचारित कर रखा था| जबकि वह केपीएम हॉस्पिटल में बतौर फार्मासिस्ट कार्यरत है| डॉ.शुक्ल ने बताया कि उसी फर्जी डाक्टर मनीष सचान के गलत इलाज से असमय पिताजी की जान चली गयी| जब इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग से की गयी तो सीएमओ कानपुर के अन्तर्गत नोडल अधिकारी (नर्सिंग होम) डॉ.सुबोध प्रकाश यादव द्वारा फर्जी जांच के माध्यम से शिकायत को आधारहीन बताया गया| उसके बाद जब इसकी उच्च स्तरीय जाँच हुई तो सारा सच सामने आ गया| लेकिन वह जांच रिपोर्ट भी दबा दी गई| डॉ.दीपकुमार शुक्लं ने बताया कि जब एक पत्रकार के साथ ऐसा होता है तब फिर सामान्य व्यक्ति न्याय की उम्मीद कैसे कर सकता है| कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे समाचार पत्र जन सामना के सम्पादक तथा भरतीय प्रेस परिषद् के पूर्व सदस्य श्याम सिंह पवांर ने यशशेष श्री रामगोपाल शुक्ल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए साहित्य और शिक्षा की वर्त्तमान स्थित पर प्रकाश डाला| दीपांजलि समाजोत्थान समिति के संरक्षक एवं विमल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य विमल कुमार शुक्ल ने अपने चाचा यशशेष श्रीराम गोपाल शुक्ल से जुड़े विभिन्न सस्मरण सुनाते हुए सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया| इस अवसर पर गुड्डू भदौरिया तथा सुश्री मनीषा अवस्थी ने यशशेष रामगोपाल शुक्ल के चित्र पर पुष्प अर्पित किये| सुश्री मनु श्री, सुश्री दीपांजलि उर्फ़ आशी तथा आर्यन शुक्ल ने भी अपने बाबा को पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि प्रदान की|

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Author: aman yatra


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