राजेश कटियार, कानपुर देहात। डेरापुर ब्लॉक संसाधन केंद्र के मीटिंग हॉल में गुरुवार को अटेवा के तत्वाधान में एक परिचर्चा और संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पुरानी पेंशन बहाली की मांग की गई। कहा गया कि जब तक यह मांग पूरी नहीं होती अटेवा का संघर्ष जारी रहेगा। एनपीएस निजीकरण के लिए घातक है इसी कारण से पुरानी पेंशन बहाली हेतु अटेवा पूरे प्रदेश में संघर्षरत है। पुरानी पेंशन बहाली एक राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है जिसकी चर्चा गाँव गाँव से लेकर सदन तक हो रही है।
संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे आदित्य ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा प्रत्येक शिक्षक व कर्मचारियों के जीवन से जुड़ा हुआ है। जब तक इस पर सरकार विचार नहीं करती है यह लड़ाई निरंतर जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि अटेवा लगातार प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर अपनी लड़ाई लड़ रहा है। पंकज शंखवार ने कहा कि हमें एकजुटता का परिचय देते हुए अपने संघर्ष को और आगे बढ़ाना होगा तभी कामयाबी मिल सकती है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में व्यापक स्तर पर आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
प्रताप भानु सिंह गौर ने कहा कि एक देश में दो तरह का कानून नहीं चल सकता है जब विधायक व सांसद को पुरानी पेंशन दी जा रहा है तो कर्मचारियों का भी हक बनता है कि उन्हें पुरानी पेंशन दी जाए। इस अवसर पर मृदुला तिवारी, प्रज्ञा पांडे, नीलशा, मंजू सागर, विश्व विजय सिंह, भीमसेन, पीयूष कुमार मिश्रा, प्रकाश मोहन मिश्र, अजय वर्मा, अमित मिश्रा, गौरव मिश्रा, महेंद्र सिंह, राम विकास, उपेंद्र कटियार, अग्नीश कुमार, अमित शर्मा, दिलीप अवस्थी, सत्येंद्र सिंह आदि संघर्षशील शिक्षक उपस्थित रहे।