पूर्व दस्यु सुंदरी सीमा परिहार सहित चार को चार-चार साल की सजा
जिले में दस्यु सुंदरी सीमा परिहार समेत चार आरोपियों पर फिरौती के लिए अपहरण के मामले में दोष सिद्ध हो गया है। दोबारा हुई पेशी में कोर्ट ने चारों आरोपियों को चार-चार साल की सजा सुनाई। साथ ही पांच-पांच हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है।
- तीस साल बाद अपहरण के मामले में का आया फैसला
- सभी आरोपियों पर 5-5 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया गया
विकास सक्सेना, औरैया। जिले में दस्यु सुंदरी सीमा परिहार समेत चार आरोपियों पर फिरौती के लिए अपहरण के मामले में दोष सिद्ध हो गया है। दोबारा हुई पेशी में कोर्ट ने चारों आरोपियों को चार-चार साल की सजा सुनाई। साथ ही पांच-पांच हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। पेशी पर आने के दौरान दस्यु सुंदरी सीमा परिहार ने नम आंखों से कहा कि उन्हें जिस तरह से अब तक कोर्ट से न्याय मिलता आया है। उसी तरह से मुझे उम्मीद है कि जो काम मैंने किया ही नहीं उसके लिए कोर्ट मुझे न्याय देगा।
बता दें कि कभी दस्यु सुंदरी के रूप में आतंक का पर्याय रहीं सीमा परिहार दस्यु जीवन छोड़कर फिल्मों व टीवी के पर्दों पर सुखियां बटोरती रहीं थी। लेकिन तीस साल पहले दस्यु लालाराम गिरोह के साथ सदर कोतवाली के गांव गढ़िया बक्सीराम से की गई एक पकड़ के मुकदमे में उनकी मुसीबतें बढ़ गईं। न्यायालय ने सीमा परिहार व गिरोह के सदस्य रहे तीन साथियों को अपहरण करने का दोषी मानकर सभी को जेल भेज दिया है। वहीं कोर्ट ने पुलिस से यह भी जानकारी मांगी है कि दस्यु जीवन छोड़कर पुलिस के समक्ष आत्म समर्पण करने के बाद कोई भी अपराध इन दोषियों ने किया है या नहीं।
यह था मामला-
अभियोजन की ओर से डीजीसी अभिषेक मिश्रा व एडीजीसी मुकेश कुमार पोरवाल ने बताया कि 19/20 मार्च 1994 की रात 12.30 बजे की यह घटना कोतवाली औरैया में पंजीकृत हुई थी। तब औरैया इटावा जिले के अंतर्गत आता था। इसमें ग्राम गढ़िया बक्सीराम निवासी श्रीकृष्ण त्रिपाठी पुत्र रामसनेही ने रिपोर्ट में लिखाया था कि उसका 25 वर्षीय भाई प्रमोद कुमार त्रिपाठी अपने ट्यूबवेल पर लेटकर खेतों में पानी लगा रहा था। उसी दौरान दस्यु लालाराम गिरोह के सदस्य सीमा परिवार व अन्य लोग आए और उसके भाई का अपहरण कर ले गये। बताया कि रात में 10 से 15 सशस्त्र बदमाश ट्यूबवेल पर आए और दरवाजा खुलवाकर प्रमोद कुमार त्रिपाठी को पकड़ कर अजनपुर की तरफ चले गये। बाद में गिरोह की पहचान दस्यु लालाराम-सीमा परिहार आदि के रूप में हुई। थाने में अपहरण का यह मुकदमा दर्ज हुआ। बाद में यह पकड़ किसी तरह से गिरोह के चंगुल से छूट कर घर आईं। दी गई जानकारी पर यह मुकदमा आरोप पत्र के आधार पर न्यायालय में चलता रहा।
जिला बनने के बाद औरैया में ट्रांसफर हुआ मामला-
पहले यह मामला इटावा में चला। बाद में औरैया जिला बनने पर यहां ट्रांसफर हो गया। दस्यु सरगना लालाराम की मौत हो चुकी है। मौजूद सीमा परिहार (50) पुत्री शिरोमणि सिंह निवासी बबाइन अयाना, रामकिशन उर्फ किशना पुत्र प्रभूदयाल लोधी निवासी नवलपुर अयाना, छोटे सिंह पुत्र कुंजीलाल निवासी शेखपुर अयाना व अनुरूद्ध पुत्र श्याम बिहारी निवासी सुंदरपुर औरैया के विरूद्ध यह मुकदमा विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र अधिनियम औरैया सुनील कुमार सिंह के समक्ष चला। जिसमें आज निर्णय सुनाया गया।
तीस साल बाद सुनाई गई सजा-
कोतवाली में दर्ज किए गए अपहरण का मामला 1994 से लगातार चलता रहा। तीस साल बीत जाने के बाद आज इसका /निर्णय सुनाया गया। जिसमें सीमा परिहार व अन्य तीन दोषियों को न्यायालय से चार-चार साल की सजा एवं पांच पांच हजार रूपए अर्थदंड की सजा से दंडित किया।