30 जून तक परीषदीय स्कूलों में अवकाश किए जाने की मांग शुरु
पूरे प्रदेश मे भीषण गर्मी, तपती धूप एवं दिमागी बुखार का सीधा असर है ऐसे मे आपदा प्रबंधन द्वारा भी सुबह 10 से दोपहर 3 बजे तक घर से बाहर धूप मे निकलने से मना कर दिया गया है। यूपी के सभी जिलों मे 30 जून तक गीष्मावकाश है किन्तु परिषदीय विद्यालयों को 18 जून से खोलने के आदेश हैं। अभी लोकसभा चुनावों मे इसी तपती धूप गर्मी व हीट वेब के कारण कई शिक्षक कर्मचारियों की मौत भी हो चुकी है जिस पर ऐसी गर्मी मे चुनाव कराने को चुनाव आयोग ने भी गलत माना था

- भीषण गर्मी के दृष्टिगत शिक्षक संघ ने ग्रीष्मावकाश को 30 जून तक बढ़ाये जाने की रखी मांग
कानपुर देहात। पूरे प्रदेश मे भीषण गर्मी, तपती धूप एवं दिमागी बुखार का सीधा असर है ऐसे मे आपदा प्रबंधन द्वारा भी सुबह 10 से दोपहर 3 बजे तक घर से बाहर धूप मे निकलने से मना कर दिया गया है। यूपी के सभी जिलों मे 30 जून तक गीष्मावकाश है किन्तु परिषदीय विद्यालयों को 18 जून से खोलने के आदेश हैं। अभी लोकसभा चुनावों मे इसी तपती धूप गर्मी व हीट वेब के कारण कई शिक्षक कर्मचारियों की मौत भी हो चुकी है जिस पर ऐसी गर्मी मे चुनाव कराने को चुनाव आयोग ने भी गलत माना था। अत: बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए 30 जून तक गीष्मावकाश बढ़ाने की मांग सम्बंधित अधिकारियों से की जा रही है किन्तु सम्बंधित अधिकारियों द्वारा कोई ध्यान नही दिया जा रहा है।
प्रदेश मे भीषण लू सहित इस तपन मे बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान मे रखते हुए हम मा. मुख्यमंत्री एवं माननीय बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री से अनुरोध करते हैं कि बच्चों के हित में प्राइवेट स्कूलों की तरह परिषदीय स्कूलों को भी 30 जून तक बंद रखा जाए। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि भीषण गर्मी में कक्षा आठ तक के बच्चों को विद्यालय में एक बजे तक रोका जाना उचित नहीं है। इसका बच्चों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। गर्मी के कारण माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 30 जून 2024 तक तथा उच्च शिक्षा विभाग ने 10 जुलाई 2024 तक अपने स्कूलों में अवकाश घोषित किया है परंतु परिषदीय विद्यालय 18 जून 2024 को खुल रहे हैं ऐसे में गर्मी की समस्या को देखते हुए संगठन ने माननीय मुख्यमंत्री एवं बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री से परिषदीय विद्यालयों में भी ग्रीष्मकाल को 30 जून तक बढ़ाए जाने की मांग की है।
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