G-4NBN9P2G16
राजेश कटियार, कानपुर देहात। बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के लिए हाफ डे लीव की व्यवस्था नहीं होने के कारण शिक्षकों को कभी कभी विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में होने वाली अप्रिय घटनाएं न केवल शिक्षक परिवार को झकझोर दिया करती हैं बल्कि समाज के लोगों की भी रूह कंपा देती हैं। हाल ही में सुल्तानपुर जनपद के ब्लॉक कुड़वार के प्राथमिक विद्यालय रवनिया पूरेचित्ता के इंचार्ज प्रधानाध्यापक सूर्य प्रकाश द्विवेदी 2 दिसम्बर को विद्यालय आए। विद्यालय आने के बाद परिवार से सूचना मिली कि बेटे का हाथ टूट गया है जल्द घर पहुंचे। मामले से खंड शिक्षाधिकारी को अवगत कराया गया। बावजूद इसके बीईओ द्वारा सहानुभूति की जगह शिक्षक को डांटा व अपमानित किया गया। अपमानित शिक्षक ने जहरीला पदार्थ खा लिया और इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। यदि हॉफ डे लीव की व्यवस्था होती तो एक जान न जाती।
ये भी पढ़े- सभी विभाग पोर्टल पर आंकड़ों को समय से करें फीड: जिलाधिकारी
शिक्षक रामेंद्र ने बताया कि अगर विद्यालय में शिक्षण के दौरान किसी अध्यापक की तबियत खराब होती है या उसके परिवार में किसी की तबियत खराब होती है तो आकस्मिक अवकाश बचे होने पर भी वह उस दिन आकस्मिक अवकाश नहीं ले सकता। ऐसी स्थिति में अधिकारियों को विकल्प भी बताना चाहिए क्योंकि कोई भी जांच होने पर वह तो अनुपस्थित ही मानेंगे। शिक्षक ने विभागीय अधिकारियों के साथ साथ संगठन के पदाधिकारियों से भी अनुरोध किया है कि हाफ डे लीव के मुद्दे को तर्क के साथ उठाएं जिससे ये सुविधा मिल सके और भविष्य में शिक्षकों के साथ ऐसी अप्रिय घटनाएं न घटित हो।
ऑनलाइन अटेंडेंस का हो रहा विरोध-
परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की फेस रीडिंग अटेंडेंस यानी ऑनलाइन हाजिरी दर्ज करने व सभी रिकॉर्ड ऑनलाइन करने के आदेश का शिक्षक संगठनों ने मुखर विरोध शुरू कर दिया है। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि सरकार इस तरह का माहौल बना रही है जैसे शिक्षक अपने दैनिक कर्तव्य करना नहीं चाहते हैं।विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जनपदीय का कहना है कि सुनियोजित तरीके से शिक्षक बिरादरी को लेकर एक नकारात्मक माहौल बनाया जा रहा है। आए दिन तुगलकी फरमानों एवं गैर शैक्षणिक कार्यों के बोझ के कारण शिक्षक अपने पदेन दायित्वों के निर्वहन में असहज महसूस कर रहा है। बेसिक शिक्षा परिषद को प्रयोगशाला बना दिया गया है। उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि शिक्षक ऑनलाइन हाजिरी का विरोध क्यों कर रहे हैं इसको लेकर मीडिया व सामाजिक संगठनों ने पीड़ा नहीं समझी। एसी कमरों में बैठने वाले हुक्मरान यह नहीं जानना चाहते कि जो विद्यालय दुर्गम क्षेत्रों में हैं। जहां आवागमन का कोई साधन नहीं है, पगडंडी वाला रास्ता है, जहां किसी वाहन से चल पाना संभव नहीं है या बरसात के दिन में कुछ विद्यालय जलमग्न हो जाते हैं।
ये भी पढ़े- क्रीडा प्रतियोगिता के मेधावियों का हुआ सम्मान
वहां अध्यापक कैसे पूरे वर्ष समय से पहुंचेगा जबकि कुछ विशेष दिवसों में शिक्षक को देरी हो सकती है। वह देरी बारिश, बाढ़, प्राकृतिक आपदा, रेलवे क्रॉसिंग बंद होने से भी हो सकती है। यातायात के संसाधनों के विलंब होने के कारण, वह देरी सोमवार को फलों की टोकरी लादकर विद्यालय ले जाने से भी हो सकती है। शिक्षक मांग कर रहे हैं कि जबरन दी जाने वाली गर्मी की छुट्टियां समाप्त होनी चाहिए। उसके स्थान पर 30 दिवस ईएल की व्यवस्था होनी चाहिए। 15 दिन हाफ डे लीव की व्यवस्था होनी चाहिए क्योंकि परिवार या किसी संबंधी के यहां विवाह शादी या दुर्घटना के लिए शिक्षक मात्र 14 आकस्मिक अवकाश से कैसे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकेंगे। ऐसी परिस्थिति में अब जरूरी है कि मजबूती के साथ उलुल-जुलूल आदेशों का शिक्षकों द्वारा एकजुटता के साथ विरोध किया जाए। इस क्रम में विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन प्रांतीय नेतृत्व के निर्देश के क्रम में कोलैबोरेशन बनाकर फेस रीडिंग अटेंडेंस का पुरजोर विरोध करेगा।
राजेश कटियार,कानपुर देहात। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद से जारी अवकाश तालिका के अनुसार 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा है।… Read More
कानपुर : सर्वोदय नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में आज सुबह अचानक जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के पहुँचते ही हड़कंप मच… Read More
मंगलपुर (कानपुर देहात)। मंगलवार सुबह सिकंदरा तहसील क्षेत्र के चमरौआ गांव का मजरा बलवंतपुर में एक दिल दहला देने वाली… Read More
कानपुर देहात में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। गजनेर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव में खेत में काम करते… Read More
सुप्रीम कोर्ट की ओर से शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को शिक्षकों के लिए अनिवार्य किए जाने संबंधी निर्णय पर मुख्यमंत्री… Read More
लखनऊ/ कानपुर देहात। सेवारत शिक्षकों के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्य की गई टीईटी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने… Read More
This website uses cookies.