प्रदेश के सबसे पुराने 30 हजार प्राइमरी स्कूलों के दिन बहुरेंगे। यहां मूलभूत सुविधाएं जुटाने के लिए न तो बजट की कमी होगी और न ही ऑपरेशन कायाकल्प के तहत दूसरे विभागों का मुंह देखना होगा।
लखनऊ/कानपुर देहात। प्रदेश के सबसे पुराने 30 हजार प्राइमरी स्कूलों के दिन बहुरेंगे। यहां मूलभूत सुविधाएं जुटाने के लिए न तो बजट की कमी होगी और न ही ऑपरेशन कायाकल्प के तहत दूसरे विभागों का मुंह देखना होगा। केंद्र सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत इसके लिए 717 करोड़ रुपये का बजट तय किया है।
पूरे देश से ऐसे 2 लाख स्कूलों को चुना गया है। यूपी के सबसे ज्यादा स्कूलों को इसमें शामिल किया गया है। वहीं बिहार व महाराष्ट्र के 25-25 हजार स्कूलों को चुना गया है। महानिदेशक विजय किरन आनंद ने मंगलवार को आदेश जारी करते हुए कहा है कि यू डायस पर दर्ज सबसे पुराने निर्माण वर्ष वाले स्कूलों को चुना गया है। जहां नामांकन अधिकतम हो। अधिक बालिका वाले स्कूलों को वरीयता दी गई है। चिन्हित विद्यालयों के जीर्णोद्धार हेतु भी अवस्थापना सुविधाओं के लिए निर्देश दिए गए हैं।