उत्तरप्रदेशकानपुर देहातफ्रेश न्यूज

ऑनलाइन अटेंडेंस को शिक्षकों ने बताया काला कानून

यूपी में सोमवार से बेसिक शिक्षकों को ऑनलाइन अटेंडेंस लगानी थी लेकिन बेसिक शिक्षकों ने इसका जोरदार विरोध किया। पूरे प्रदेश में केवल 9 शिक्षकों ने ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की। प्रदेश में कुल 6 लाख से ज्यादा बेसिक टीचर हैं। इस नए नियम के विरोध में शिक्षकों ने सोमवार को काली पट्टी बांधकर काम करने का फैसला किया। शिक्षकों के इस विरोध को देखते हुए डीजी स्‍कूल ने ऑनलाइन अटेंडेंस लगाने के लिए कुछ छूट भी दी

कानपुर देहात। यूपी में सोमवार से बेसिक शिक्षकों को ऑनलाइन अटेंडेंस लगानी थी लेकिन बेसिक शिक्षकों ने इसका जोरदार विरोध किया। पूरे प्रदेश में केवल 9 शिक्षकों ने ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की। प्रदेश में कुल 6 लाख से ज्यादा बेसिक टीचर हैं। इस नए नियम के विरोध में शिक्षकों ने सोमवार को काली पट्टी बांधकर काम करने का फैसला किया। शिक्षकों के इस विरोध को देखते हुए डीजी स्‍कूल ने ऑनलाइन अटेंडेंस लगाने के लिए कुछ छूट भी दी। पहले अटेंडेंस का समय सुबह 7:45 से 8:15 था, अब सुबह 8:30 तक हाज‍िरी लगा सकेंगे। परिषदीय प्राथमिक और उच्‍च प्राथमिक स्‍कूलों में शिक्षकों को टैबलेट के जरिए सुबह 8:30 तक अटेंडेंस लगानी है लेकिन शिक्षक संघ ऑनलाइन अटेंडेंस का बड़े स्तर पर विरोध कर रहा है। इस मामले में विभिन्‍न संगठनों ने अलग-अलग तरह से विरोध करने का फैसला किया है। महिला शिक्षकों ने भी मोर्चा खोलते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह को पत्र लिखा है। इसके अलावा उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ और विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने डिजिटल अटेंडेंस को काला कानून बताया है। राष्‍ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने तय किया है कि महासंघ सोमवार को प्रदेश के सभी जिलों में डीएम को ज्ञापन सौंपेगा।

इस नई व्यवस्था के खिलाफ सभी शिक्षक संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। ऑनलाइन हाजिरी का विरोध कर रहे शिक्षकों का कहना है कि सुदूर ग्रामीण इलाकों में बारिश-आंधी के दौरान कई बार स्कूल पहुंचना मुश्किल हो जाता है। इंटरनेट कनेक्टिविटी और सिग्नल की समस्या तो हर समय बनी रहती है। शिक्षकों की बुनियादी मांगों और व्यावहारिक दिक्कतों पर विचार किए बगैर ऑनलाइन हाजिरी का आदेश जारी किया गया है। शिक्षकों का कहना है कि उनका विरोध हाजिरी को लेकर नहीं है बल्कि उनकी बुनियादी मांगों को पूरा किए बिना मनमाने आदेश को लेकर है। उनकी 31 ईएल, हाफ डे लीव, कैशलेस चिकित्सा जैसी मांगों को पूरा नहीं किया गया लेकिन नया आदेश थोप दिया गया इसे हम लोग किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेंगे।

15 जुलाई से होना था लागू-
परिषदीय विद्यालयों में पिछले साल से शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों की डिजिटल अटेंडेंस समेत एक दर्जन रजिस्टर को डिजिटल करने की कवायद चल रही है। पिछले साल शिक्षकों के विरोध के कारण यह सफल नहीं हुआ। इस सत्र की शुरुआत के साथ ही एक बार फिर छात्रों की उपस्थिति डिजिटल कर दी गई है। वहीं 15 जुलाई से फेस रिकग्निशन के माध्यम से शिक्षकों, कर्मचारियों को डिजिटल अटेंडेंस लगाने के निर्देश दिए गए थे। इस बीच अचानक 8 जुलाई से ही इनकी उपस्थिति भी डिजिटल करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। शिक्षकों ने बरसात के कारण खराब रास्ते, स्कूलों में जलभराव जैसी व्यावहारिक दिक्कत का हवाला देते हुए इसे किसी भी हाल में स्वीकार न करने का फैसला किया है।

anas quraishi
Author: anas quraishi

SABSE PAHLE


Discover more from अमन यात्रा

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Articles

AD
Back to top button

Discover more from अमन यात्रा

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading