जर्जर सरकारी इमारतों को गिराएगा केडीए, अपार्टमेंट बनाकर लोगों को मुहैया कराएगा आवास
जर्जर हो चुकीं सरकारी इमारतों को ध्वस्त करके उन जमीनों पर केडीए अपार्टमेंट बनाकर लोगों को आवास मुहैया कराएगा। इसके लिए सरकारी विभागों से प्राधिकरण अनुबंध करेगा। पहले सरकारी आवास बनाकर दिए जाएंगे इसके बाद बची भूमि पर अपार्टमेंट बनाए जाएंगे। इन फ्लैटों के आवंटन में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद आम आदमी को फ्लैट बेचे जाएंगे।

कानपुर, अमन यात्रा । जर्जर हो चुकीं सरकारी इमारतों को ध्वस्त करके उन जमीनों पर केडीए अपार्टमेंट बनाकर लोगों को आवास मुहैया कराएगा। इसके लिए सरकारी विभागों से प्राधिकरण अनुबंध करेगा। पहले सरकारी आवास बनाकर दिए जाएंगे इसके बाद बची भूमि पर अपार्टमेंट बनाए जाएंगे। इन फ्लैटों के आवंटन में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद आम आदमी को फ्लैट बेचे जाएंगे।
रखरखाव न होने के कारण वर्षों पुरानी सरकारी आवासीय इमारतें अब गिराऊ हालत में हो गईं हैं। उनमें जान जोखिम डालकर सरकारी कर्मचारी रह रहे हैं। केडीए दूसरे विभागों की जर्जर सरकारी इमारतों को उनकी सहमति पर ध्वस्त करके उनकी जगह टाउनशिप तैयार करेगा, ताकि कर्मचारियों की आवास की समस्या दूर हो सके।
केडीए उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने बताया कि सरकारी विभागों के बातचीत की जा रही है। जर्जर इमारतों को तोड़कर अपार्टमेंट के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें रह रहे अफसरों और कर्मचारियों को सरकारी आवास दिए जाएंगे। इसके बाद बची जगह में टावर बनाकर पहले विभाग के अफसरों और कर्मचारियों को आफर दिया जाएगा। फिर शहरवासियों को मकान दिए जाएंगे। कारपोरेट कल्चर की तर्ज पर इनमें सुविधाएं होंगी।
सिग्नेचर ग्रीन्स सिटी केडीए ने सरकारी जमीन पर बनाई : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम(यूपीएसआरटीसी) के साथ मिलकर उसकी 60 हजार वर्ग मीटर जमीन पर केडीए ने वर्ष 2016 में विकास नगर में सिग्नेचर ग्रीन्स सिटी योजना बनाई। योजना में 1184 टू-बीएचके और थ्री बीएचके फ्लैट बने हें।
इन जर्जर इमारतों का हो सकता है उद्धार : केस्को, श्रम विभाग, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, डाकघर, यूपिका, मेडिकल कालेज, उर्सला अस्पताल, रेलवे, जलकल विभाग, बीआइसी और एनटीसी की खाली जमीन।
-कार्ययोजना तैयार हो रही है। सरकारी विभाग अनुबंध करा सकते हैं। इससे लोगों को आवास भी मिल जाएगा और जर्जर इमारतों हट जाएंगी। – अरविंद सिंह, उपाध्यक्ष केडीए
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