प्रवेश न लेने वाले स्कूलों पर होगी सख्त कार्यवाही : बीएसए रिद्धी
शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत बच्चों का प्रवेश न लेने वाले स्कूलों के खिलाफ शिकायतें राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग तक भी पहुंची हैं। इन्हीं शिकायतों के आधार पर आयोग ने जिलाधिकारी को जनपद के स्कूलों के खिलाफ जांच सौंपी है और एक सप्ताह में रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं।
- आरटीई के तहत कितने बच्चों का हुआ प्रवेश, तलब की गई सूचना
अमन यात्रा ,कानपुर देहात : शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत बच्चों का प्रवेश न लेने वाले स्कूलों के खिलाफ शिकायतें राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग तक भी पहुंची हैं। इन्हीं शिकायतों के आधार पर आयोग ने जिलाधिकारी को जनपद के स्कूलों के खिलाफ जांच सौंपी है और एक सप्ताह में रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट आने के बाद आयोग की ओर से भी स्कूलों पर शिकंजा कसा जाएगा। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत जिले में 59 छात्र-छात्राओं की सूची जारी की गई थी जिनमें शत प्रतिशत बच्चों को स्कूलों में प्रवेश नहीं मिल सका है।
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पूरे प्रदेश में आरटीई के तहत 124648 गरीब बच्चों के प्रवेश लिए जाने हैं लेकिन अधिकांश जनपदों में शत-प्रतिशत बच्चों के प्रवेश नहीं लिए गए हैं। शिकायतें मिलने के बाद महानिदेशक विजय किरन आनंद ने सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से आरटीआई के अंतर्गत प्रवेशित बच्चों का विवरण तलब किया है जिसमें जनपद का नाम, आरटीई के अंतर्गत प्रवेश हेतु कुल आवंटन एवं जनपद में आवंटन के सापेक्ष अद्यतन आवेशित बच्चों की संख्या मांगी गई है।
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बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने बताया कि आरटीई के तहत प्रवेश न लेने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही की जाएगी और यह जानकारी भी सभी खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा जुटाई जा रही है कि 59 बच्चों के सापेक्ष केवल 29 बच्चों ने ही प्रवेश क्यों लिया है? क्या बाकी बच्चों का प्रवेश स्कूल प्रबंधन द्वारा नहीं किया जा रहा है या फिर बच्चों के माता-पिता ने ही अपने बच्चों का प्रवेश नहीं करवाया है। नियमानुसार आरटीई के तहत निर्धारित सीटों पर प्राइवेट स्कूलों को बच्चों के प्रवेश लेने होंगे।